Fri. Mar 7th, 2025
Ghudrikhar Sanctuary of Gujarat.Ghudrikhar Sanctuary of Gujarat.

जंगली गधों के संरक्षण-संवर्धन के लिए 4954 वर्ग किलोमीटर में बनाया गया घुड़खर वन्यजीव अभयारण्य भारत का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है। यहां गधे की लुप्तप्राय प्रजाति के साथ-साथ चिंकारा, कैराकल्स और एशिया की विशालतम नीलगाय तथा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं।
न्यूज हवेली नेटवर्क

घुड़खर यानि घोड़ा और खर यानि गधा। इसे “गुजरात का जंगली गधा” और “बलूची जंगली गदहा” भी कहते हैं। गुजरात में कच्छ के रण में पाया जाने वाला यह एक ऐसा अनोखा प्राणी है जो न गधा है, न घोड़ा है, न दोनों के मेल से बनने वाला खच्चर है। फिर भी आम बोलचाल का भाषा में गधा है। इसी लुप्त होते प्राणी को संरक्षण देने के लिए बनाया गया है घुड़खर वन्यजीव अभयारण्य (Ghudkhar Wildlife Sanctuary) जो गुजरात के लघु कच्छ रण में स्थित है।

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जंगली गधों के संरक्षण-संवर्धन के लिए 4954 वर्ग किलोमीटर में बनाया गया घुड़खर अभयारण्य (Ghudkhar Sanctuary) भारत के सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्यों में से एक  है। यहां गधे की लुप्तप्राय प्रजाति के साथ-साथ चिंकारा, कैराकल्स और एशिया की विशालतम नीलगाय तथा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं। यह अभयारण्य हमारी धरती पर एकमात्र स्थान है जहां जंगली गधे निर्भय घूमते देखे जा सकते हैं। इसकी स्थापना 1972 में की गयी थी। एक वर्ष बाद इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अन्तर्गत आच्छादित कर दिया गया। इसके तीन प्रवेश बिन्दु हैं- बाजना, आदेश्वर और जिंझवाड़ा।

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घुड़खर कच्छ के छोटे रण के अलावा उसके पड़ोसी क्षेत्रों यानि कच्छ के ग्रेटर रण में भी पाया जाता है। गुजरात के कच्छ, सुरेन्द्रनगर, बनासकांठा और मेहसाणा जिलों में जंगली गधे मिलते हैं। घास, पत्तियां, जंगली फल, प्रोसोपित फली और नमकीन वनस्पतियां खाने के लिए ये प्रायः सुबह और शाम दो से चार के झुण्ड में निकलते हैं।

घुडृ़खर

मजबूत कद-काठी के घुड़खर का वजन लगभग ढाई सौ किलोग्राम और अधिकतम रफ्तार 70-80 किमी प्रति घंटा तक होती है। यह खास है क्योंकि बेहद मजबूत है। इसमें गज़ब की वाइल्डरनेस है। छोटा कच्छ खारा रेगिस्तान है, इसके बावजूद यह बेहद ताकतवर जानवर है। यह उन प्राणियों की सूची में है, जो लुप्तप्राय हैं। यही कारण है कि इसको वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अन्तर्गत पहली सूची में रखा गया है। भारत सरकार ने 2013 में घुड़खर पर डाक टिकट भी जारी किया था। साल 2016 में इण्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्जरवेशन ऑफ नेचर ने इसे “खतरे के करीब” करार दिया था।

ऐसे पहुंचें

घुड़खर वन्यजीव अभयारण्य (Ghudkhar Wildlife Sanctuary) गुजरात के सर्वाधिक क्षेत्रफल वाले जिले कच्छ में है। कच्छा का जिला मुख्यालय है भुज। भुज यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है। नयी दिल्ली, अहमदाबाद, मुम्बई के दादर और बान्द्रा, पुणे, बरेली आदि से यहां के लिए सीधी ट्रेन सेवा है। भुज में एक छोटा हवाईअड्डा है जहां गिनचुने विमान ही आते हैं। हालांकि मुम्बई से यहां के लिए दैनिक उड़ान है। यहां के सबसे नजदीकी बड़ा हवाई अड्डा अहमदाबाद का सरदार बल्लभभाई पटेल इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है जो करीब 330 किमी पड़ता है। अहमदाबाद से भुज के लिए सरकारी और निजी बसें चलती हैं।

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13 thought on “घुड़खर वन्यजीव अभयारण्य : यहां निर्भय होकर घूमते हैं जंगली गधे”
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