फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के इस नियम का पालन न करने पर FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
नई दिल्ली। आपके घर ऑनलाइन खाद्य सामग्री एक्सपायरी के 45 दिन पहले पहुंचना आवश्यक है। यदि इससे बाद कोई उत्पाद (product) आता है तो आप FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पर संबंधित डिलीवरी कंपनी यानी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) पर कार्रवाई की जाएगी। FSSAI के ऑनलाइन खाद्य सामग्री की घर पर डिलीवरी करने को लेकर लागू किए नए नियमों (Online Delivery Rule) से यह स्थिति बन रही है। इसमें साफ किया गया है कि डिलीवरी एजेंसी को प्रोडक्ट पर लेबल और उससे जुड़ी जानकारी सही से प्रकाशित करनी होगी। इसके अलावा प्रोडक्ट से जुड़े किसी भी तरह के गलत दावे साइट पर नहीं किए जाएंगे।
दरअसल, कई बार ऑनलाइन खाद्य डिलीवरी करने वाली कंपनियां 3 से 6 महीने की एक्सपायरी के पदार्थों की डिलीवरी करने में तेजी नहीं दिखाती हैं और समय सीमा कम बचने पर उन्हें डिलीवर कर देती हैं। ऐसे में उपभोक्ता को पुरानी खाद्य सामग्री प्राप्त होती है। इसी के मद्देनजर हाल ही में खाद्य सामग्री की डिलीवरी से जुड़ा यह नया नियम लागू किया गया है।
तिमाही डेटा ऑनलाइन पेश करने का आदेश
FSSAI ने लाइसेंस प्राप्त खाद्य निर्माता और आयातकों को आदेश दिया है कि वे रिजेक्टेड और एक्सपायर फूड आइटम्स का तिमाही डेटा अपने ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली (FOSCOS) के माध्यम से पेश करें ताकि इनका दोबारा इस्तेमाल रोका जा सके। यह निर्देश 16 दिसंबर को जारी किया गया और यह रिपैकर्स तथा रीलेवलर्स पर भी लागू होता है।
रिपोर्ट में तीन अहम क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें आंतरिक गुणवत्ता परीक्षण या निरीक्षण में फेल होने वाले उत्पादों की मात्रा, फूड सप्लाई चेन से रिजेक्टेड उत्पादों की मात्रा और प्रोडक्ट डिस्पोजल की डिटेल रिपोर्ट शामिल है।
ये है आदेश का उद्देश्य
इस आदेश का उद्देश्य इस तरह के प्रोडक्ट्स के रीयूज और रीब्रांडिंग को रोकना है। गौरतलह है कि FOSCOS रिपोर्टिंग फंक्शन अभी भी विकसित किया जा रहा है। नियामक ने खाद्य व्यवसायों से जरूरी डेटा इकट्ठा करना शुरू करने को कहा है ताकि सिस्टम चालू होने पर पेश करने के लिए तैयारी सुनिश्चित हो सके।
ऑनलाइन ही होगा शिकायत का निपटारा
उपभोक्ताओं की शिकायतों की बड़ी संख्या को देखते हुए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय 24 दिसंबर को ई-जागृति ऐप शुरू कर सकता है। इस ऐप की खासियत है कि इस पर बोलकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसे में लोगों को शिकायत करने में आसानी होगी।