कुछ देश और विदेशी संगठन भारत को बदनाम करने की करते हैं साजिश, जानिए सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में क्या बताया।
नई दिल्ली। कुछ देश और विदेशी संगठन भारत को बदनाम करने की साजिश रचते रहते हैं। विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) ने गुरुवार को राज्यसभा में इस पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार अमेरिका समेत कई विदेशी संस्थाओं की ओर से भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी की गई रिपोर्ट्स से अवगत है। यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) एक राजनीतिक एजेंडा वाली संस्था है। इसकी रिपोर्ट अक्सर पक्षपाती, गलत जानकारी वाली और एकतरफा होती हैं। सायंकाल प्रेस कॉफ्रेंस में विदेश मंत्रालय के सचिव रणधीर जायसवाल ने भी USCIRF की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि USCIRF को लेकर हमारी राय बिल्कुल साफ है। ये एक पक्षपातपूर्ण संगठन है जिसका एक राजनीतिक एजेंडा है।”
कीर्ति वर्धन सिंह सिंह ने सदन में कहा कि US Commission for International Religious Freedom (USCIRF) एक राजनीतिक एजेंडा वाली संस्था है। सरकार इसकी रिपोर्ट्स को विश्वसनीय नहीं मानती। USCIRF की रिपोर्ट्स में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता और भारत के बारे में गलत कहानियां गढ़ी जाती हैं। USCIRF ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में “धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन” के कारण भारत को “विशेष चिंता वाला देश” घोषित करने का सुझाव दिया था। यह पहली बार है जब मंत्रालय ने संसद में USCIRF के बारे में बात की है।
विदेश राज्यमंत्री ने भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी रिपोर्ट्स पर सरकार का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सरकार इन रिपोर्ट्स से वाकिफ है लेकिन इन्हें पक्षपाती, गलत और एकतरफा मानती है। खास तौर पर की रिपोर्ट्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “USCIRF राजनीतिक एजेंडा के तहत काम करती है और भारत के बारे में झूठी कहानी फैलाती है।”
विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है। हमारे संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी है। स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया इन अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करते हैं। सरकार ने स्पष्ट रूप से USCIRF की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और इसे भारत विरोधी प्रोपेगेंडा बताया है। सरकार का कहना है कि USCIRF की रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसमें भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।
USCIRF की रिपोर्ट में क्या है?
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की कथित गिरावट को लेकर अमेरिकी सरकार के आयोग ने रिपोर्ट जारी है जिसमें वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हिंसक हमले होते हैं। धार्मिक अशांति फैलाने के लिए गलत जानकारी दी जाती है। इसके अलावा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में मुस्लिम, वक्फ संशोधन बिल गोहत्या विरोधी कानून की बात की गई है। इन सब के चलते आयोग ने भारत को धार्मिक भेदभाव वाले देशों के सूची में नमित करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह की अगुआई वाली पूर्ववर्ती सरकार के समय से भारत ने अपने आंतरिक मामलों में “हस्तक्षेप” का हवाला देते हुए USCIRF के सदस्यों को देश का दौरा करने के लिए लगातार वीजा देने से इनकार किया है।