विवाह विच्छेद और बहु पत्नी के प्रकरणों में सबसे कठोर प्रावधान हैं जिनके अनुसार दोषी को तीन वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।
देहरादून। (Uniform Civil Code Uttarakhand) उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता के लिए गठित 9 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने बीती जुलाई में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस कानून को क्रियान्वित करने के लिए नियमावली का ड्राफ्ट बन चुका है। यह रिपोर्ट चार खंडों में है। यूसीसी लागू होने के बाद विवाह का रजिस्ट्रेशन, लिव-इन रिलेशनशिप, तलाक से संबंधित गलत या झूठी सूचना देने पर कार्रवाई के प्रावधान सख्त किए गए हैं। सूचनाएं झूठी पाई जाने पर तीन से छह महीने की जेल, 25 हजार रुपये जुर्माना या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। विवाह विच्छेद और बहु पत्नी के प्रकरणों में सबसे कठोर प्रावधान हैं जिनके अनुसार दोषी को तीन वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है। हालांकि, अभी यह रिपोर्ट कैबिनेट के सामने भी जानी है।
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की प्रस्तावित नियमावली में संबंध विच्छेद या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक पत्नी को दंड की श्रेणी में रखा गया है। यह दंड 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माना और छह माह से साढ़े तीन वर्ष तक कारावास के रूप में हो सकता है।
ब्रेकअप या तलाक की अवधि में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के साथ ही एक से अधिक विवाह को सजा की श्रेणी में रखा गया है। आर्थिक सजा की राशि 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक और छह महीने से साढ़े तीन साल तक जेल की सजा देने के प्रावधान रखे गए हैं। 21 साल से ऊपर के लोगों की जानकारी को गुप्त रखा जाएगा लेकिन इससे कम उम्र के लोगों के अभिभावकों से जानकारी शेयर की जाएगी।
प्रस्तावित नियमावली में संहिता के अंतर्गत व्यवस्था के उल्लंघन के प्रकरणों को अपराध घोषित करने की प्रक्रिया, विभागों एवं न्यायालयों को संदर्भित किए जाने वाले प्रकरणों से संबंधित नियम निर्धारित किए गए हैं। सभी चार खंड की रिपोर्ट ऑनलाइन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही समान नागरिक संहिता कानून तैयार किया गया है। इस कानून को क्रियान्वित करने के लिए नियमावली का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उस पर कैबिनेट चर्चा के बाद मुहर लगाएगी।
इस तरह समझिए प्रस्तावित कानून को
- समान नागरिक संहिता (UCC) अधिनियम में विवाह एवं विवाह विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार संबंधी नियमों में पंजीकरण, गलत सूचनाएं देने पर दंड से संबंधित प्रक्रियाएं बताई गई हैं।
- विवाह पंजीकरण से संबंधित सूचना नहीं देने या ढुलमुल रवैया अपनाने पर सब रजिस्ट्रार 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकेंगे।
- इस संबंध में गलत या झूठी सूचना देने पर तीन माह का कारावास अथवा 25 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों सजाएं साथ देने की व्यवस्था है।
- विवाह पंजीकरण में विलंब पर सब रजिस्ट्रार पर भी जुर्माना लग सकेगा।
- पंजीकरण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने पर उन्हें 25 हजार रुपये जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
- लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण कराने से कन्नी काटने पर तीन माह का कारावास अथवा 10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।
- इस संबंध में गलत या झूठी सूचना देने पर जुर्माने की राशि 25 हजार रुपये होगी।
- नोटिस मिलने के बाद कन्नी काटने पर लिव-इन रिलेशन अपराध घोषित हुआ तो छह माह का कारावास अथवा 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा।
- विवाह और विवाह विच्छेद के नियमों का उल्लंघन होने पर कारावास और जुर्माना, दोनों प्रवधान हैं।
- एक से अधिक पत्नी रखना अपराध की श्रेणी में आएगा।
- विवाह विच्छेद और बहु पत्नी के प्रकरणों में तीन वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना लगेगा।
- जुर्माना नहीं देने की स्थिति में कारावास की अवधि छह माह बढ़ाई जा सकती है।