दरअसल, ईपीएफ (EPFO) योजना, 1952 के पैरा 68के (शिक्षा और विवाह) और 68बी (मकान के लिए एडवांस) के तहत सभी दावों को ऑटो क्लेम सेटलमेंट फैसिलिटी के अंतर्गत लाया गया है। यानी इस तरह के क्लेम अब बिना मानव हस्तक्षेप के आईटी सिस्टम ऑटोमैटिकली प्रोसेस कर देगा। पहले इसमें 10 दिन का समय लगता था।
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अपने छह करोड़ से अधिक सदस्यों/ग्राहकों (सब्सक्राइबर्स) को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ईपीएफओ (EPFO) के सदस्यों को अब शिक्षा, शादी और हाउसिंग एडवांस के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्लेम करने के तीन से चार दिन में उनके बैंक अकाउंट में रुपये आ जाएंगे। इस साल 2.25 करोड़ सदस्यों के इस सुविधा का लाभ उठाने की उम्मीद है।
दरअसल, ईपीएफ (EPFO) योजना, 1952 के पैरा 68के (शिक्षा और विवाह) और 68बी (मकान के लिए एडवांस) के तहत सभी दावों को ऑटो क्लेम सेटलमेंट फैसिलिटी के अंतर्गत लाया गया है। यानी इस तरह के क्लेम अब बिना मानव हस्तक्षेप के आईटी सिस्टम ऑटोमैटिकली प्रोसेस कर देगा। पहले इसमें 10 दिन का समय लगता था लेकिन अब यह काम तीन से चार दिन में हो जाएगा। इस फैसलिटी को पहली बार कोरोना काल में अप्रैल 2020 में बीमारी से जुड़े एडवांस के सेटलमेंट के लिए इसे शुरू किया गया था। इस साल 2.25 करोड़ मेंबर्स के इस सुविधा का फायदा उठाने की उम्मीद है।
बीमारी से जुड़ा एडवांस भी बढ़ा
ईपीएफओ ने बीमारी से जुड़े एडवांस की सीमा दोगुना कर 1,00,000 रुपये कर दी है। पहले यह केवल 50,000 रुपये थी। इस कदम से भी लाखों ईपीएफओ सदस्यों को फायदा होने की उम्मीद है। ईपीएफओ ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया है। इनमें से 2.84 करोड़ दावे ईपीएफ खाते से रुपये निकालने को लेकर थे। ईपीएफओ ने बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक (2.84 करोड़) अग्रिम दावे (बीमारी, शादी, शिक्षा जैसे आधार पर रुपये निकालने के लिए) थे। इस वित्तीय वर्ष के दौरान रुपये निकालने को लेकर निपटाए गए दावों में से लगभग 89.52 लाख दावों का सेटलमेंट ऑटो फैसिलिटी (Auto Settlement Process) के जरिए किया गया।
क्या है ऑटो सेटलमेंट प्रोसेस
ईपीएफओ का ऑटो सेटलमेंट प्रोसेस (EPFO Auto Settlement Process) पूरी तरह आईटी से संचालित है और इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता। इसलिए ऐसे एडवांसेज के लिए दावा निपटान में लगने वाला समय 10 दिन से घटकर तीन-चार दिन रह गया है। जिन दावों का प्रणाली से सत्यापन नहीं हो पाता है, उन्हें वापस या अस्वीकार नहीं किया जाता है। उन्हें दूसरे स्तर की जांच और अनुमोदन के लिए आगे बढ़ाया जाता है। आवास, विवाह और शिक्षा आदि उद्देश्यों के लिए तकनीकी आधारित स्वत: दावों के निपटान की व्यवस्था सीधे तौर पर कई सदस्यों को कम समय में कोष का लाभ उठाने में मदद करेगी। इस व्यवस्था को छह मई, 2024 को पूरे देश में लागू किया गया और तब से ईपीएफओ ने त्वरित सेवा प्रदान करने वाली इस पहल के तहत 45.95 करोड़ रुपये के 13,011 मामलों को मंजूरी दी है।