मैं आपको घटगढ़ के फ्रीकी (अजीब) जलप्रपात की यात्रा का पूरा वृतांत बताता हूं जो नैनीताल जिले के कालाढूंगी वन रेंज का एकमात्र सूचीबद्ध जलप्रपात है। यहां जाने के लिए पहले बरेली से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर घटगढ़ पहुंचना होता है।
संजीव जिन्दल
अक्सर लोग मुझसे कहते हैं, “बाबाजी आप बहुत घूमते हो, आपका बहुत खर्चा होता होगा, हम इतना अफोर्ड नहीं कर सकते, इसलिए हम आपकी तरह नहीं घूम सकते।” इसका जवाब है, ”दोस्तों, मैं कई बार बता चुका हूं कि मैं पर्यटक नहीं हूं, मैं एक बैकपैकर हूं…। खर्चा पर्यटक करते हैं, बैकपैकर बिना खर्चा किये मस्ती करते हैं।“ (Don’t be a tourist, be a backpacker and travel a lot)
इसी बहाने मैं आपको घटगढ़ के फ्रीकी (अजीब) जलप्रपात (Freaky Waterfall) की यात्रा का पूरा वृतांत बताता हूं जो नैनीताल जिले के कालाढूंगी वन रेंज का एकमात्र सूचीबद्ध जलप्रपात है। बृहस्पतिवार को मेरी और अमित शर्मा “मीत” दोनों की छुट्टी होती है। सुबह ठीक पांच बजे हम दोनों नाश्ता करके अपनी स्कूटी पर बरेली से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर घटगढ़ की ओर चल देते हैं। ठीक 8:30 बजे हम दोनों घटगढ़ के पार्वती चाय-नाश्ता पॉइंट पर पहुंच जाते हैं जिसके मालिक बालम सिंह बहुत ही मिलनसार व्यक्ति हैं। हमने दो चाय और मैगी का आर्डर किया। बालम सिंह ने ही हमारे लिए गाइड हैरी की व्यवस्था करवाई। बिस्कुट और नमकीन के दो पैकेट लेकर हम दोनों 9:30 बजे हैरी के साथ जलप्रपात और जिन्दगी की सबसे मुश्किल ट्रैकिंग के लिए चल देते हैं। स्कूटी और अपना बैग हम लोग बालम सिंह के ढाबे पर ही छोड़ देते हैं। जलप्रपात से लौटते समय जंगल में ही काम कर रहे मजदूर हम लोगों को दो-दो रोटी भोजन करवा देते हैं। बालम सिंह का कुल बिल बना था 165 रुपये।
यात्रा करते समय इन बातों का रखें ध्यान
जलप्रपात से ऊपर आकर हम लोग कई गांवों और जंगल की ट्रैकिंग करते हैं। बस, लगातार चलना और चलना। फिर एक ढाबे पर बैठकर तेज बारिश का मजा लेते हुए बंद-बटर और चाय का नाश्ता किया। बिल बना 85 रुपये। फिर हम लोग घटगढ़ गांव घूमने चले जाते हैं। वहां लोगों से बातचीत करते हुए कई जगह चाय-नाश्ता हो जाता है। सायंकाल 8:00 बजे हम लोग बालम सिंह की दुकान से अपनी स्कूटी और बैग उठाते हैं और होटल की खोज शुरू होती है। 950 रुपये में डिनर के साथ होटल तय हो जाता है। 500 रुपये हमने अपने गाइड हैरी को दिये। सुबह छह बजे हम लोग चल देते हैं बरेली की ओर। हल्द्वानी में हमारे दोस्त पाठकजी नाश्ते पर हमारा इन्तजार कर रहे होते हैं। पाठकजी के साथ नाश्ता करके हम सुबह 9:30 बजे अपने घर पर होते हैं और 10:30 बजे दुकान पर। पेट्रोल का खर्चा आता है 500 रुपये। कुल खर्च 2200 रुपये मतलब कि प्रति व्यक्ति 1100 रुपये। इतना खर्चा तो आम लोगों का शाम को दो बियर और नॉनवेज खाने में हो जाता है।
इसलिए पर्यटक नहीं, बैकपैकर बनो और खूब घूमो- सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िन्दगानी फिर कहां…।
लाहौल-स्पीति : हिमाचल प्रदेश का ठंडा रेगिस्तान
[…] पर्यटक नहीं, बैकपैकर बनो और खूब घूमो […]
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