अगर आप अपने माता-पिता और बच्चों के साथ छुट्टी बिताना चाहते हैं तो गोवा की जगह दीघा जा सकते हैं। इतिहास के पन्नों में भी दीघा का उल्लेख है। इसका मूल नाम “बीरकुल” है। इसे पूर्व का “ब्राइटन” भी कहा जाता है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
शान्त और धीमी लहरों वाले शानदार समुद्र तट, एक्वेरियम, विज्ञान केन्द्र और भव्य मन्दिर। यह दीघा (Digha) है। पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले का एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टीनेशन। एक ऐसी जगह जहां बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी आयु के वर्ग के लोगों के लिए बहुत कुछ है। अगर आप अपने माता-पिता और बच्चों के साथ छुट्टी बिताना चाहते हैं तो गोवा की जगह दीघा जा सकते हैं। इतिहास के पन्नों में भी दीघा का उल्लेख है। इसका मूल नाम “बीरकुल” है। इसे पूर्व का “ब्राइटन” भी कहा जाता है। (Digha: Land of magnificent beaches and temples in East Medinipur)
दीघा टूरिज्म अथॉरिटी (Digha Tourism Authority) ने मूल समुद्रतट से करीब दो किलोमीटर दूर एक नये समुद्रतट को विकसित किया है जो बड़ा और बेहतर होने के साथ-साथ सभी सुविधाओं से सम्पन्न है। मूल समुद्रतट की तरह यहां सर्दी के समय ज्यादा संख्या में पर्यटक नहीं आते हैं।
दीघा (Digha) घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी है। यह पीक सीजन है इसलिए इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि पहले से ही होटल या गेस्ट हाउस बुक करा लें।
घूमने योग्य स्थान
दीघा (Digha) अपने शानदार समुद्र तटों न्यू दीघा बीच, तलसारी बीच, उदयपुर बीच आदि के लिए प्रसिद्ध है। आप यहां दीघा गेट, मोहन वॉच पॉइंट, अमराबती पार्क, दीघा साइंस सेंटर एण्ड नेशनल साइंस कैम्प, मरीन एक्वेरियम एण्ड रीजनल सेन्टर, बिस्वा बंगाल पार्क भी जा सकते हैं। यहां का सुवर्णरेखा डेल्टा अत्यंत सुन्दर है। ओल्ड दीघा और न्यू दीघा के बीच में एक पुराना जगन्नाथ मन्दिर है। इस किनारे को जगन्नाथ घाट कह कर पुकारा जाता है। यहां मां काली की प्रतिमा भी है। यहां का चन्दनेश्वर मन्दिर अत्यन्त भव्य है। लंकेश्वरी मन्दिर यहां से करीब 14 किमी पड़ता है। हालांकि सुप्रसिद्ध कपालकुण्डला मन्दिर यहां से करीब 45 किमी दूर है।
ऋषिकेश : घूमिये योग नगरी, और भी बहुतकुछ है यहां
क्या खरीदें
यहां सीप का सामान खूब मिलता है। साथ ही सीप से बने आभूषण और भगवान की मूर्तियां बहुत प्रसिद्ध हैं। जूट से बने वॉल हैंगिंग और अन्य सामान भी पर्यटक बहुत पसंद करते हैं। दीघा के असपास बढ़िया क्वालिटी के काजू का उत्पादन होता है जो यहां के बाजार में बहुतायत में मिलते है। यहां का नारियल पानी पीना न भूलिएगा। इतनी कम कीमत में इतना बढिय़ा नारियल पानी सम्भवतः पूरे भारत में और कहीं नहीं मिलेगा।
ऐसे पहुंचें
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाष चन्द्र बोस इण्टरनेशनल एयरपोर्ट दीघा से करीब 149 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : दीघा फ्लैग स्टेशन दीघा शहर में करीब दो किलोमीटर दूर है। हावड़ा से यहां के लिए नियमित रेल सेवा है।
सड़क मार्ग : पश्चिम बंगाल के सभी प्रमुख शहरों से दीघा के लिए सरकारी बस सेवा उपलब्ध है। कोलकाता से यहां के लिए टैक्सी और कैब भी आसानी से मिल जाती हैं। हावड़ा से यहां तक पहुंचने के लिए करीब 168 किमी का सफर तय करना होता है।
नैमिषारण्य : 88 हजार ऋषि-मुनियों की तपोभूमि
[…] दीघा : पूर्वी मेदिनीपुर में शानदार समु… […]