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अशोक वाटिका में स्थित सीता अम्मन मंदिर।अशोक वाटिका में स्थित सीता अम्मन मंदिर।

Sita Amman temple : सीता अम्मन मंदिर के अभिषेक के लिए अयोध्या की सरयू नदी से जल लाया गया। तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से मिठाई और अन्य सामग्री लाई गई।यह मंदिर इस द्वीप राष्ट्र के सीता एलिया गांव (अशोक वाटिका) में स्थित है। सीता अम्मन मंदिर रामायण-पथ का हिस्सा है।

कोलम्बो। श्रीलंका में देवी सीता को समर्पित सीता अम्मन मंदिर (Sita Amman Temple) में अभिषेक समारोह (कुंभाभिषेकम पूजा) का आयोजन किया गया। इस समारोह में हजारों लोग शामिल हुए। मंदिर के अभिषेक के लिए अयोध्या की सरयू नदी से जल लाया गया। द्वीप राष्ट्र के सीता एलिया गांव स्थित सीता अम्मन मंदिर (Sita Amman Temple Sri Lanka) में यह आयोजन किया गया। सीता अम्मन मंदिर रामायण-पथ का हिस्सा है। (Consecration ceremony at Sita Amman temple under construction in Sri Lanka, water and prasad sent from India)

भारतीय उच्चायोग ने बताया कि इस समारोह के दौरान हजारों की संख्या में भारतीय, श्रीलंकाई और नेपाली श्रद्धालु शामिल हुए। इस समारोह का आयोजन श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री श्री रविशंकर (Shri Shri Ravishankar) ने कहा, “यह वह स्थान है जहां सीता जी को आशा मिली थी, हनुमान जी आए थे और उन्हें आशा दी थी कि श्रीराम आ रहे हैं और रामराज स्थापित होने जा रहा है। यह जगह पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए एक उम्मीद होगी कि सच्चाई की हमेशा जीत होगी और महिलाएं वास्तव में शक्तिशाली हैं। मैंने सरकार (श्रीलंकाई) से रामायण और सकी शिक्षाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया है।”

श्रीलंका में निर्माणाधीन सीता अम्मन मंदिर।
श्रीलंका में निर्माणाधीन सीता अम्मन मंदिर।

श्री श्री रविशंकर ने आगे कहा, “यह एक महान अवसर है कि माता सीता के मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। मां सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति का प्रतीक हैं। यह एक ऐतिहासिक स्थान है जहां पूरा महाद्वीप मानता है कि कैसे सीता माता यहां अशोक वन में थीं और हनुमानजी से उनकी मुलाकात हुई थी। आज हमारे पास हनुमानजी की जन्मस्थली से, सीता की जन्मभूमि जनकपुरी से, श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या से प्रसाद है। यह सभ्यताओं के बीच हमारे प्राचीन संबंध की पुनः पुष्टि करेगा। हमें उन मूल्यों को वापस लाने की जरूरत है जो खत्म हो रहे हैं। रामराज का अर्थ है कि हम अपना जीवन प्रकृति के नियमों, सद्भाव, समृद्धि और खुशी के अनुसार जिएं।”

श्रीलंका की एक वेबसाइट “न्यूज फर्स्ट” की रिपोर्ट के अनुसार, भगवान राम की जन्मभूमि माने जाने वाले अयोध्या और देवी सीता का जन्मस्थान माने जाने वाले नेपाल से सीता अम्मन मंदिर (Sita Amman Temple) को पवित्र प्रसाद प्राप्त हुआ। भारत और श्रीलंका सहित दुनिया भर से श्रद्धालु इस समारोह को देखने और इसमें भाग लेने के लिए एकत्र हुए। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत और नेपाल से देवी सीता के लिए परिधान लाये गए। आंध्र प्रदेश के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से मिठाई और अन्य सामग्री लाई गई।

श्रीलंका ने किया था सरयूजल भेजने का अनुरोध

श्रीलंका में निर्माणाधीन विशाल सीता अम्मन मंदिर में 19 मई 2024 को मां जानकी की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा की गई। इसके लिए श्रीलंका ने उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या की पवित्र सरयू नदी का जल भेजने का अनुरोध किया था। मंदिर ट्रस्ट ने जल का अनुरोध करते हुए कहा था कि इस पहल से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए भारत की ओर से जल भेजा गया था। इसका इस्तेमाल प्राणप्रतिष्ठा में किया गया।

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