पुलिस ने दावा किया कि किसान एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे, न कि 101 किसानों के जत्थे के रूप में। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। एक किसान घायल हुआ है।
नई दिल्ली। (Protesting Farmers Delhi March) पुलिस की ओर से प्रतिरोध का सामना करने के बाद किसानों ने फिलहाल दिल्ली चलो मार्च (दिल्ली कूच) रोक दिया है। हरियाणा पुलिस ने किसानों से अपने विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस से आवश्यक अनुमति लेने को कहा। इसे लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं। इस बीच, पुलिस ने दावा किया कि किसान एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे, न कि 101 किसानों के जत्थे के रूप में। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने जब दोबारा आंसू गैस के गोले दागे तो एक किसान घायल हो गया। पटियाला प्रशासन द्वारा उक्त किसान को राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। किसान नेताओं ने सरकार की “बर्बरता” की निंदा की है।
इससे पहले शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने रविवार को एक बार फिर दिल्ली कूच शुरू किया। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स और कीलें लगाई हैं। हरियाणा पुलिस ने किसानों को कुछ ही मीटर की दूरी पर रोक दिया।
शंभू बॉर्डर पर, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमारे 101 किसानों और मजदूरों का जत्था तैयार है। हमने पहले ही सूची जारी कर दी है। अगर उन्होंने (पुलिस) तय किया है कि वे हमें आगे बढ़ने से पहले पहचान पत्रों की जांच करेंगे तो उन्हें हमें बताना चाहिए ताकि हम उसका सहयोग कर सकें। हमने अनुशासन दिखाया है और ऐसा ही करते रहेंगे। वे आज अधिक आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि हवा की दिशा हमारी तरफ है। हम किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री के पास हमारी समस्याओं का समाधान है,या तो वह इसे करें या हमें दिल्ली मार्च करने दें।
किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए
देश की राजधानी की ओर बढ़ रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली। किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। शंभू बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि पुलिस के पास जो सूची है,वह गलत है।सूची में यहां आने वाले किसानों का नाम नहीं है। हमने उनसे कहा है कि हमें आगे बढ़ने दें और हम उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाएंगे। पुलिस कह रही है कि किसानों के पास आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है,तो हमें अपनी पहचान क्यों साबित करनी है? हम बातचीत के जरिए चीजों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन किसी भी तरह हम आगे बढ़ेंगे। मैंने पुलिस से कहा कि वे हरियाणा चले जाएं क्योंकि यह पंजाब की जमीन है।
शंभू बॉर्डर पर पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह ने कहा कि मीडिया को नहीं रोका गया है। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। लेकिन, मीडिया को जानकारी देना ज़रूरी था। पिछली बार हमें पता चला था कि 3-4 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। उससे बचने के लिए हमने मीडिया को जानकारी दी। हम कोशिश करेंगे कि ऐसा न हो लेकिन अगर कोई घायल होता है तो उसे निकालने के लिए हमारे पास मेडिकल टीम है। यहां बता दें कि सरवन सिंह पंढेर ने आरोप लगाया था कि आज जिस तरह से मीडिया को रोका जा रहा है, मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल को आगे आकर इस पर सफाई देनी चाहिए। वे (AAP) कहते हैं कि वे किसानों और मजदूरों के साथ हैं, फिर वे मीडिया को क्यों रोक रहे हैं?