मां भगवती गंगे की डोली तीन नवंबर को मुखवा में शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो जाएगी। तत्पश्चात मुखवा में मां गंगा के दर्शन सुलभ होंगे।
उत्तरकाशी। (Chardham Yatra 2024) इस वर्ष की चारधाम यात्रा समाप्ति की ओर है। इन धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। ऐसे में यदि आप उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा का कार्यक्रम बना रहे हैं तो विलंब न करें। आज शुक्रवार को महानवमी के शुभ दिन घोषणा की गई कि गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट शीतकाल के लिए दो नवंबर को 12:14 बजे अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए जाएंगे। उसी दिन डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए भगवती मंदिर मार्कंडेय के पास विश्राम करेगी।
घोषित कार्यक्रम के अनुसार, तीन नवंबर को मां भगवती गंगे की डोली मुखवा में शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो जाएगी। तत्पश्चात मुखवा में मां गंगा के दर्शन सुलभ होंगे।
नागणी देवी में हेलीपैड और धर्मशाला तैयार
नवरात्री में मां नागणी देवी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। नागणी देवी पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को खड़ी चढ़ाई पार करनी होती है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हेलीपैड और धर्मशाला का भी निर्माण किया गया है। मां नागणी देवी मंदिर समुद्र तल से लगभग 9000 फीट की ऊंचाई पर बालखिल्य पर्वत पर स्थित है।
उत्तरकाशी मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर संकुर्णाधार से चार किलोमीटर का पैदल मार्ग बेहद ही रोमांचक है। घने बांज बुरांश के जंगल से होकर नागणी देवी मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग पर वन्यजीवों का भी दीदार होता है।