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Census of India

जनगणना वर्ष 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी। संप्रदाय भी पूछ सकती है सरकार। इसके बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा।

नई दिल्ली। (Census of India 2025) भारत में अगले साल से जनगणना की शुरुआत हो सकती है। मीडिया रिपोर्टे में सूत्रों के हवाले से सामने आई खबर में बताया गया है कि यह जनगणना वर्ष 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी। इस बार संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना कराए जाने पर विचार हो रहा है। कई विपक्षी दलों की तरफ से जातिगत जनगणना की मांग भी की जा रही है लेकिन सरकार ने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है। जनगणना के बाद लोकसभा सीटों की परिसीमन का रास्ता साफ हो जाएगा।

भारत में पिछल जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। इसका अगला चरण 2021 में शुरू होना था लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसमें विलंब हो गया। इसके बाद से जनगणना को लेकर कई सवाल पूछे जा रहे हैं कि अगली जनगणना के आंकड़े कब प्रकाशित किए जाएंगे। अब, केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगली जनगणना के आंकड़े 2026 में उपलब्ध होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित की जाएगी।

अब तक जनगणना में धर्म और वर्ग पूछा जाता रहा है। साथ ही सामान्य, अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना होती है। लेकिन, इस बार लोगों से यह भी पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक में सामान्य वर्ग में आने वाले लिंगायत स्वयं को अलग संप्रदाय के मानते हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति में बाल्मीकि, रविदासी जैसे अलग-अलग संप्रदाय हैं। यानी धर्म, वर्ग के साथ संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की मांग पर सरकार विचार कर रही है।

लोकसभा सीटों का होगा परिसीमन

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जनगणना का चक्र भी बदल जाएगा। अब तक हर 10 साल में होने वाली जनगणना दशक की शुरुआत में होती थी। नए चक्र में 2025 के बाद अगली जनगणना 2035 में होगी। इसके बाद 2045 और 2055 में जनगणना होगी। सूत्रों ने बताया कि जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा। परिसीमन की प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है।

1872 में हुई थी पहली जनगणना

भारत की जनगणना हर दशक में दर्ज की जाती है, पहली जनगणना 1872 में हुई थी। स्वतंत्रता के बाद पहली जनगणना 1951 में और आखिरी जनगणना 2011 हुई थी। जनगणना के आंकड़े भारत सरकार के लिए नीति निर्माण और कार्यान्वयन तथा देश में संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जनगणना जनसंख्या, जनसांख्यिकी, आर्थिक स्थिति आदि सहित कई पहलुओं पर प्रकाश डालती है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.1 करोड़ है जिसमें 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं हैं।

 

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