नैमिषारण्य : 88 हजार ऋषि-मुनियों की तपोभूमि
ब्रह्म पुराण एवं पद्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए नैमिषारण्य में ही यज्ञ किया था और अपने शरीर को दो भागों में बांट कर…
ब्रह्म पुराण एवं पद्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए नैमिषारण्य में ही यज्ञ किया था और अपने शरीर को दो भागों में बांट कर…
एक स्थानीय किंवदन्ती के अनुसार वायनाड का नाम दो शब्दों से उत्पन्न हुआ है- “वायल” और “नाद’। जब इन दोनों शब्दों को जोड़ा जाता है तो इसका अर्थ होता है…
बाबर ने अपनी आत्मकथा में भी इस बाग का जिक्र किया है। उसने इस बाग में नदी की तरफ तहखाने में एक कमरा बनवाया था जो गर्मी के मौसम में…
यह मन्दिर भगवान शिव (सुन्दरेश्वरर) एवं उनकी भार्या देवी पार्वती (मीनाक्षी या मछली के आकार जैसी आंखों वाली देवी के रूप में) को समर्पित है। देवी मीनाक्षी भगवान शिव की…