आईआईटी धनवाद में एडमिशन का आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने 18 वर्षीय अतुल कुमार से कहा,“ऑल द बेस्ट। अच्छा करो।”
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) को एक दलित छात्र अतुल कुमार को एडमिशन देने का निर्देश दिया। यह छात्र फीस जमा करने की समय सीमा चूक जाने के कारण अपनी सीट खो बैठा था। इस छात्र को आईआईटी धनबाद में अपना एडमिशन सुरक्षित करने के लिए 17,500 रुपये फीस जमा करनी थी। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फारनगर जिले के एक गांव के रहने वाले इस छात्र के पास फीस जमा करने के लिए चार दिन थे। उसके दिहाड़ी मजदूर पिता ने अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश की लेकिन फीस जमा करने की समयसीमा चूक गए। इससे एक प्रतिभाशाली छात्र का आईआईटी जाने के सपने पर ब्रेक लग गया। एडमिशन का आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने 18 वर्षीय अतुल कुमार से कहा,“ऑल द बेस्ट। अच्छा करो।”( Supreme Court directs Dalit student to get admission in IIT)
आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) में सीट मिलने के बाद फीस जमा करने की आखिरी तारीख में केवल 4 दिन का समय बचा था। 24 जून को शाम 5 बजे तक पिता राजेंद्र को बेटे की फीस जमा करनी थी। राजेंद्र 24 जून को शाम करीब 4:45 बजे तक किसी तरह रुपयों का इंतजाम कर पाए। चूंकि समय कम था, इसलिए उन्होंने रुपये अतुल के भाई के बैंक अकाउंट में जमा करवा दिया। अतुल ने वेबसाइट पर जरूरी दस्तावेज अपलोड कर दिए लेकिन जब तक वह फीस जमा करता अंतिम तारीख के शाम के 5 बज चुके थे। उसका उसका आईआईटी में दाखिला लेने का सपना टूट चुका था।
दलित छात्र अतुल कुमार के पिता इस लड़ाई को अदालत में ले गए। उन्होंने तीन महीने तक एससी/एसटी आयोग तथा झारखंड और मद्रास हाई कोर्ट के चक्कर काटे। जब कुछ भी काम नहीं आया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। मामले की सुनवाई के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आईआईटी को छात्र को प्रवेश देने का आदेश दिया।
देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता जैसे प्रतिभावान छात्र, जो वंचित समूह से आते हैं और जिन्होंने प्रवेश पाने के लिए सब कुछ किया, उन्हें वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हम निर्देश देते हैं कि इस छात्र को आईआईटी धनबाद में प्रवेश दिया जाए और उसे उसी बैच में रहने दिया जाए।”
सुप्रीम कोर्ट ने किया अनुच्छेद 142 का प्रयोग
देश की सबसे बड़ा अदालत ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद को अतुल कुमार को अपने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश देने का निर्देश दिया। संविधान का अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को न्याय के हित में कोई भी आदेश पारित करने का अधिकार देता ह जिसमें उसे फीस का भुगतान करने पर प्रवेश दिया जाता।