News Havel, वाशिंगटन। (H-1B visa will not be stopped) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने H-1B वीजा (H-1B Visa) पर भारतीयों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “यह वीजा बंद नहीं होगा। अमेरिका को प्रतिभाशाली लोगों की आवश्यकता है। हमें सिर्फ इंजीनियर ही नहीं चाहिए, अन्य नौकरियों के लिए भी श्रेष्ठ पेशेवार चाहिए। ये अमेरिकियों को प्रशिक्षण भी देंगे।”
H-1B वीजा पर जारी बहस को लेकर पूछे गए सवाल पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “मैं पक्ष-विपक्ष के तर्कों को लेकर सहमत हूं। अभी अमेरिका को जो टैलेंट चाहिए, वह इस वीजा प्रोग्राम से ही मिल सकता है।” अमेरिका में इस हाई स्किल वीजा को पाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर हैं। वर्ष 2024 में जारी कुल 2 लाख 80 हजार H-1B वीजा में से भारतीयों को करीब 2 लाख वीजा मिले थे।
वीजा पर बंटी हुई है ट्रम्प समर्थकों की राय
H-1B वीजा को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प समर्थकों की राय भी आपस में बंटी हुई है। लॉरा लूमर, मैट गेट्ज और एन कूल्टर जैसे ट्रम्प समर्थक खुलकर इस वीजा का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि H-1B वीजा से विदेशी लोगों को अमेरिका में नौकरी मिलने मिलेगी और अमेरिकी लोगों की नौकरियां छिन जाएंगी।
दूसरी तरफ विवेक रामास्वामी जैसे ट्रम्प समर्थकों ने इसका समर्थन किया है। उनका कहना है कि अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए दुनिया के टॉप लोगों को नौकरियों पर रखना चाहिए।
ट्रम्प सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) संभालने वाले इलॉन मस्क ने इस प्रोग्राम को खत्म जैसा बताते हुए इसमें बड़े पैमाने पर सुधार करने की बात कही है।
मोदी-ट्रंप मुलाकात अगले माह संभव
अगले महीने वॉशिंगटन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के राजनयिकों ने इसके लिए द्विपक्षीय तैयारियां तेज कर दी हैं। बैठकों का दौर चल रहा है।
क्या होता है H-1B वीजा?
H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों वर्कर्स की नियुक्ति करती हैं।
H-1B वीजा आमतौर पर उन लोगों के लिए जारी किया जाता ह, जो किसी खास पेशे (जैसे आईटी पेशेवर, आर्किट्रेक्टचर, हेल्थ प्रोफेशनल आदि) से जुड़े होते हैं। ऐसे पेशेवर जिन्हें जॉब ऑफर होता है, उन्हें ही यह वीजा मिल सकता है। यह पूरी तरह से नियोक्ता पर निर्भर करता है। यानी अगर नियोक्ता नौकरी से निकाल दे और दूसरा नियोक्ता ऑफर न करे तो वीजा खत्म हो जाएगा।