भारत में ऐसे कई समुद्र तटीय और द्वीपीय स्थान हैं जहां का मौसम सर्दी के मौसम में भी सम रहता है यानी न ज्यादा सर्द और न ही अधिक गर्म। हम आपको ऐसे ही तीन सुन्दर स्थानों पर ले चलते हैं।
न्यूज हवेली डेस्क
भारत में सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा शहनाई गूंजती है। आज के समय में नये जोड़ों के हनीमून पर जाने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। और हो भी क्यों न, हनीमून के जरिये ही नवयुगल एक-दूसरे को समझने की शुरुआत करते हैं। इसलिए उनकी चाह होती है कि वे परिणय-सूत्र में बंधने के बाद किसी खास जगह पर हनीमून पर जायें। चूंकि इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ती है, ऐसे में ऐसे स्थान की तलाश रहती है जहां का मौसम इस समय खुशनुमा रहता हो। भारत में ऐसे कई समुद्र तटीय और द्वीपीय स्थान हैं जहां का मौसम इन दिनों सम रहता है यानी न ज्यादा सर्द और न ही अधिक गर्म। हम आपको ऐसे ही तीन सुन्दर स्थानों पर ले चलते हैं।
अण्डमान एवं निकोबार द्वीपसमूह (Andaman and Nicobar Islands)
नीले समन्दर से झांकती प्रवाल की चट्टानें, चांदी-सी चमकती रेत वाले बीच, खिली-खिली धूप तथा पड़ाक, गर्जन, चुई, कोवको के वृक्षों से भरे जंगल। यह अण्डमान एवं निकोबार है। भारत की मुख्य भूमि से दूर 572 द्वीपों का समूह। अक्टूबर से फरवरी के बीच यहां का मौसम किसी भी जलवायु क्षेत्र से आने वालों के लिए आदर्श हो सकता है। मुख्य भूमि में जब सर्दी का मौसम होता है, यह द्वीपसमूह हनीमून पर जाने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। समुद्र तटीय क्षेत्रों और वाटर स्पोर्ट्स में रुचि रखने वालों के लिए यह जगह एकदम सही है। यहां आप स्कूबा डाइविंग, बोट राइड, स्नॉर्कलिंग, तैराकी आदि का आनन्द ले सकते हैं। यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में सेल्लुलर जेल, कॉर्बिन कोव बीच, वन्दूर बीच, महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क, समुद्रिका नवल संग्रहालय समेत कई दर्शनीय और घूमने योग्य स्थान हैं। यहां के स्वराज द्वीप (हैवलॉक द्वीप) में कुछ विश्व प्रसिद्ध सी बीच हैं। वाइपर द्वीप, रॉस द्वीप, (नेताजी सुभाष चन्द्र द्वीप), चिड़िया टापू आदि घूमने का भी कार्यक्रम बना सकते हैं।
यहां का भोजन मछली, केकड़ा और झींगा जैसे समुद्र उत्पादों पर आधारित है। निकोबार में इनके तरह-तरह के व्यंजन काफी सस्ते मिलते हैं। उत्तर और दक्षिण भारतीय भोजन के साथ ही यूरोपीय, थाई और चीनी व्यंजन भी उपलब्ध हैं।
चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम आदि से यहां के लिए उड़ानें हैं। चेन्नई, कोलकाता और विशाखापत्नम से यहां के लिए जहाज चलते हैं। यहां के निवास योग्य सभी द्वीप हेलीकॉप्टार, सी प्लेन और फेरी (नौका) सेवा द्वारा जुड़े हुए हैं।
लक्षद्वीप द्वीपसमूह (Lakshadweep Islands)
भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से 200 से 440 किलोमीटर दूर स्थित लक्षद्वीप 36 छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। भारत के इस सबसे छोटे केन्द्र प्रशासित प्रदेश का सतही क्षेत्रफल मात्र 32 वर्ग किलोमीटर है। इसके सूर्य-चुम्बन (सन-किस्ड) वाले समुद्र तटों और हरे-भरे लैण्डस्केप को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यहां के शानदार रेतीले समुद्र तट, मूंगे की चट्टानें और जैव विविधता भी लोगों को बहुत लुभाती है। गर्मी के मौसम में यहां का तापमान 35 डिग्री तक पहुंच जाता है जबकि जुलाई, अगस्त और सितम्बर में अच्छी-खासी बारिश होती है। आप यूं ही घूमने का कार्यक्रम बना रहे हों या हनीमून पर जाना हो, अक्टूबर से फरवरी के बीच का समय यहां जाने के लिए सबसे अच्छा है। हनीमून पर जाने वालों के लिए यहां के मिनिकॉय द्वीप, अगत्ती द्वीप, बांगरम द्वीप, कावरत्ती द्वीप, कलपेनी द्वीप और कदमत द्वीप सबसे अच्छे ठिकाने हैं। कावरत्ती का मरीन संग्रहालय भी देख सकते हैं। लक्षद्वीप में आप पैडल बोटिंग, स्कूबा डाइविंग, नौकायन, स्नैचिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, सफरिंग, तैराकी, जेट स्की, बनाना बोट राइड, पावर पतंग, पतंग सर्फिंग, क्वाड बाइक राइडिंग, वेक बोर्डिंग, पैरासेलिंग आदि का भी आनन्द ले सकते हैं।
यहां मछली, झींगा और केकड़ा के तरह-तरह के व्यंजन तो मिलते ही हैं, ऑक्टोपस की कई तरह की डिश भी सर्वसुलभ हैं। तला हुआ कुरकुरा ऑक्टोपस खाना यहां के लोगों को बहुत पसन्द है। यहां के खान-पान पर केरल का काफी प्रभाव है। हालांकि उत्तर भारतीय और चीनी व्यंजन भी मिल जाते हैं।
सभी पर्यटन उद्देश्यों के लिए केरल का कोच्चि लक्षद्वीप का द्वार मार्ग है। कोच्चि से यहां के लिए वायुयान सेवा के साथ ही जहाज सेवा भी है। पवन हंस की हेलीकॉप्टर भी यहां के लिए उड़ान भरते हैं। कोच्ची शिप पोर्ट से यहां के अलग-अलग द्वीपों पर पहुंचने में 14 से 18 घण्टे लगते हैं जबकि हवाई जहाज से सिर्फ डेढ़ घण्टे में अगत्ती एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं।
गोवा : कोंकण काशी (Goa: Konkan Kashi)
अरब सागर के तट पर स्थित यह अत्यन्त सुन्दर और शान्त राज्य भारत के सबसे लोकप्रिय हनीमून गन्तव्यों में शामिल है। यहां इतने अधिक समुद्र तट हैं कि इन्हें घूमने के लिए एक महीना भी कम है। इनमें अन्जुना बीच, बागा बीच, पालोलेम बीच, अगोण्डा बीच, कैण्डोलिम बीच को उनकी खूबसूरती की वजह से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। सेंट कैथेड्रल चर्च, बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस और माउंट मेरी चैपल चर्च समेत यहां के कुछ चर्च यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सामूहिक सूची में शामिल है। गोवा जाने वालों को नेवेल एविएशन म्यूजियम अवश्य देखना चाहिए। माण्डवी नदी के किनारे चाराओ द्वीप पर स्थित सलीम अली पक्षी अभयारण्य गये बिना आपकी गोवा यात्रा अधूरी है। यह पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों का घर तो है ही, सर्दी के मौसम में साइबेरियाई पक्षियों की मेजबानी भी करता है। एडवेंचर का शौक रखने वाले जोड़े यहां आकर तैराकी, पैरेसलिंग, स्कूबा डाइविंग, फिशिंग, जेट स्की जैसी एक्टिविटीज का आनन्द ले सकते हैं। गोवा जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। अप्रैल और मई में यहां तापमान काफी अधिक रहता है जबकि जून से सितम्बर तक होने वाली भारी बारिश परेशानी पैदा कर सकती है।
गोवा अपने सी-फूड्स व अन्य मांसाहारी व्यंजनों के लिए जाना जाता है। शार्क अंबोट टिक, पोर्क विन्डालु, क्रैब, समरची कोडी, झींगे जेक जेक, कोरिस पाऊ, विस्वान (किंगफिशर), गोवानी मछली करी, फिश रेचुडो, चिकन जाकुटी, चिकन कैफरियल, सोरपोटेल और फीजोदा यहां की प्रसिद्ध नॉनवेज डिश हैं। बेंबिका यहां की सात परतों वाली मिठाई है। सोरक, पटोलिया, पेराद और कुलकुल भी स्थानीय मिठाई हैं। फेनी यहां की पारम्परिक शराब है जिसे काजू से तैयार किया जाता है।
गोवा के उत्तरी भाग में राजधानी पणजी से 36 किलोमीटर दूर मोपा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां का मुख्य हवाई अड्डा है। इसके अलावा वास्को-डी-गामा में डैबोलिम एयरपोर्ट है। मडगांव जंक्शन के लिए दिल्ली, मुम्बई, भोपाल समेत देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन सेवा है। मुम्बई और बंगलुरु से गोवा के लिए लक्जरी बसें चलती हैं।