Thu. Feb 6th, 2025
Murder-robbery gang busted.

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News Haveli, बरेली। (Murder-robbery gang busted) कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। वे न केवल लूटपाट करते थे बल्कि वारदात के दौरान शिकार को बुरी तरह पीटते भी थे। 3 वारदात में से 2 में उन्होंने पीड़ित को इतना पीटा कि उसने दम तोड़ दिया। ये तीनों वारदात उन्होंने पिछले 6 महीनों में की थीं। पुलिस और एसओजी की टीमें उनकी तलाश में जुटी थीं। बुधवार तड़के उनका बदमाशों से आमना-सामना हो गया। मुठभेड़ के बाद 6 बदमाशों को पकड़ लिया गया। 2 बदमाशों के पैर में गोली लगी है। मुठभेड़ में एक सिपाही भी घायल हो गया। 2 बदमाश मौके से किसी तरह भाग निकले जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

पुलिस के अनुसार, इस नए-नवेले गिरोह ने पहली वारदात इसी साल जुलाई में की थी। सीकरी के पास बदमाशों ने उसी क्षेत्र के सज्जाद को घेरा लिया। उनके सिर पर लाठियों से इतने वार किए कि मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनके पास जो कुछ मिला, उसे समेट कर बदमाश फरार हो गए। इस मामले में शेरगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। करीब 3 महीने खामोश रहने के बाद इन बदमाशों ने नवंबर में खुटिया गांव निवासी अरविंद को पनवड़िया गांव के पास घेरा लिया। उनको भी बुरी तरह पीटा, धारदार हथियार से भी हमला किया। उन्हें मरा जानकर बदमाश उनका मोबाइल फोन, नकदी, पर्स, एटीएम कार्ड आदि लेकर फरार हो गए। इसके करीब एक महीने बाद उन्होंने 20 दिसंबर को हत्या और लूट को अंजाम दिया। केशौपुर रसूलपुर निवासी सूरजपाल मोटरसाइकिल से घर जा रहे थे। गन्ने के खेत में छिपे बैठे बदमाशों ने झपट्टा मारकर उन्हें गिराकर पीटना शुरू कर दिया। बदमाशों ने उन्हें तब तक पीटा जब तक कि उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया। वे सूरजपाल का मोबाइल फोन, नकदी आदि लेकर फरार हो गए। इस मामले में शेरगढ़ थाने में सूरजपाल के भाई मुकेश ने प्राथमिकी लिखाई थी।

 

पुलिस और एसओजी ने इन तीनों मामलों की कड़ियां जोड़ने का प्रयास किया। बुधवार को सुबह बदमाशों से उनका सामना हो गया। मुठभेड़ में बहेड़ी के मिर्जापुर गांव निवासी रनवीर, शीशगढ़ के सियाठेरी गांव निवासी देवेंद्र उर्फ देवा, मधुकरपुर निवासी भूपेंद्र, सियाठेरी गांव का ही दीपक, गुलड़िया गांव का रितिक और सियाठेरी गांव के ही जितेंद्र उर्फ लुक्का डॉन को दबोच लिय़ा गया। लुक्का डान और रितिक के पैर में गोली लगी है। इस गिरोह के सरगना लुक्का डॉन और सतीश हैं। लुक्का डॉन पकड़ा गया जबकि सतीश व एक अन्य बदमाश की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

ऐसे देते थे घटनाओं को अंजाम

पूछताछ में सामने आया कि जितेंद्र उर्फ लुक्का डान एवं सतीश तय करते थे कि वारदात कब और कैसे करनी है। किसी भी वारदात में 4 लोग ही एक मोटरसाइकिल से जाते थे। मोटरसाइकिल सुरक्षित जगह खड़ी कर किसी खेत या झाड़ियों में छिपकर किसी अकेले व्यक्ति के आने का इंतजार करते थे और उसके आते ही सभी एक साथ उस पर टूटकर पीटना शुरू कर देते। उसको अधमरा कर या मारकर ही छोड़ते थे। फिर जो भी उसके पास मिलता, उसे लूटकर फरार हो जाते थे।

सर्विलांस आया काम

बदमाशों को पकड़ने में सबसे अहम भूमिका सर्विलांस की रही। पुलिस ने लोकेशन निकालनी शुरू की तो कड़ियां जुड़ने लगीं। बुधवार को पुलिस को सटीक सूचना मिली तो बदमाशों को घेर लिया। इस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी।

पुलिस को बदमाशों के पास से 2 अवैध तमंचा, 6 कारतूस, 3 चाकू, 1 गड़ासा, 3 मोटरसाइकिल, उनके हाथों मारे गए एक व्यक्ति का मतदाता पहचान पत्र,  एटीएम कार्ड आदि बरामद हुए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने तीनों घटनाओं को अंजाम दिया था।

गिरफ्तार किए गए सभी बदमाशों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया।

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