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मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार साल में कम से कम एक बार बदरी-केदार के भोग प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा।

देहरादून। तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता/शुद्धता को लेकर उठे तूफान को देखते हुए उत्तराखंड में भी सतर्कता बरती जा रही है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) के अधीन आने वाले मंदिरों में भोग प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता के लिए बीकेटीसी (BKTC) ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है। इसमें  भोग प्रसाद तैयार करने और उसमें इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री, भंडारण और निगरानी के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की ओर से जारी मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार साल में कम से कम एक बार भोग प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। प्रसाद और भोग में इस्तेमाल होने वाले चावल, तेल, घी, मसालों, केसर आदि की जांच करने और विश्वसनीय व्यापारी से ही खरीदने के निर्देश दिए गए है। कहा गया है कि भोग और प्रसाद को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल का अधिकतम तीन बार से ज्यादा उपयोग न किया जाए। भोग और प्रसाद तैयार करने वाले कर्मचारियों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने को कहा गया।

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एसओपी में कहा गया है कि खाद्य सामग्री को लंबे समय तक स्टॉक में न रखा जाए। गुणवत्ता और शुद्धता की जांच के लिए नियमित रूप से निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही साल में एक बार भोग और प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा जिसमें भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से अधिकृत प्रयोगशाला में खाद्य सामग्री की जांच कराई जाएगी।

गौरतलब है कि बीते 24 सितंबर को बीकेटीसी कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में हुईआ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उच्च अधिकारियों और मंदिर समिति अधिकारियों की बैठक में प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये थे। बैठक में धामों/मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और प्रयोग में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, रख-रखाव, क्रय-विक्रय सहित भंडारण के संबंध में चर्चा हुई थी।

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