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Arundhati RoyArundhati Roy

Arundhati Roy UAPA case: इस मामले में अरुंधति राय के अलावा कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। अरुंधति रॉय एक जानी-मानी लेखिका हैं। उनकी पुस्तक “द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स” को 1997 में बुकर पुरस्कार मिला था। वह यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यापाल वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति राय (Arundhati Roy)के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act यानी UAPA) की धारा 45(1) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी है। अरुंधति राय के खिलाफ यह मामला करीब 14 वर्ष पुराना है जिसमें अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में अरुंधति राय के अलावा कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ शेख शौकत हुसैन (Professor Dr Sheikh Shaukat Hussain) के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। अरुंधति रॉय(Arundhati Roy)एक जानी-मानी लेखिका हैं। उनकी पुस्तक “द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स” को 1997 में बुकर पुरस्कार मिला था। वह बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका हैं।

दरअसल, दिल्ली के कोपरनिकस रोड स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में 21 अक्टूबर 2010 को “आजादी- द ओनली वे” विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें अरुंधति राय (Arundhati Roy) ने कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया था। इस भाषण को भारत विरोधी बताया गया था। आरोपों के अनुसार, सम्मेलन में कश्मीर को भारत से अलग करने तक की बात कही गई। अरुंधति रॉय पर आरोप है कि उन्होंने कॉन्फ्रेंस में दिए गए अपने भाषण में कहा था, “कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था. उस पर भारत के सशस्त्र बलों ने जबरन कब्जा किया हुआ है।”  इसे लेकर 27 नवंबर, 2010 को सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) और डॉ शेख शौकत हुसैन के खिलाफ  एफआईआर दर्ज कराई थी।

“आजादी- द ओनली वे” कॉन्फ्रेंस में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी (कॉन्फ्रेंस के एंकर और संसद हमले मामले में बरी हुए) और वरवरा राव सहित अन्य वक्ता भी शामिल थे। सैयद अली शाह गिलानी और एसएआर गिलानी की मृत्यु हो चुकी है। दिल्ली पुलिस ने अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 124A, 153A, 153B, 504, 505 और यूएपीए की धारा 13 के तहत मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी। उपराज्यपाल ने पिछले साल अक्टूबर में केवल आईपीसी धाराओं के तहत दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। अब उन्होंने UAPA के ​तहत भी दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है।

 शिकायतकर्ता ने की रिकॉर्डिंग

आरोप है कि भाषण के दौरान अरुंधति राय (Arundhati Roy) ने भारत से जम्मू-कश्मीर को आजाद करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात पर जोर दिया। शिकायतकर्ता सुशील पंडित ने इन बातों को रिकार्ड कर लिया और नई दिल्ली के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने 27 नवंबर 2010 को इसके बाद मामले में एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

UAPA कानून

UAPA का पूरा नाम है गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act) । यह कानून काफी सख्त है और इसमें कड़ी सजा दी जाती है। आतंकवादियों और खूंखार अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले इस कानून का दायरा काफी बड़ा है और इसमें वैचारिक विरोध और आंदोलन या दंगा भड़काने की स्थिति में भी कार्रवाई हो सकती है।

 

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