उत्तरी आन्ध्र प्रदेश के व्यंजनों में गुड़ और मेथी का व्यापक इस्तेमाल होता है। रायलसीमा क्षेत्र के भोजन में पिसी मिर्च की प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
आन्ध्र प्रदेश का भोजन काफी मसालेदार होता है। कोई भी व्यंजन चाहे वह शाकाहारी हो या मांसाहारी, उसे बनाते समय तरह-तरह का मसालों का खुले दिल से इस्तेमाल किया जाता है। राज्य के सर्वव्यापी मसालों में से एक है मिर्च। गुन्टूर की मिर्च अपने तीखेपन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मसालों का एक अन्य प्रमुख घटक है करी पत्ता। चावल यहां का मुख्य आहार है। हालांकि रायलसीमा क्षेत्र में रागी (मडुआ) भी खूब खायी जाती है। यहां का भोजन पचड्डी (एक तरह की चटनी) के बिना अधूरा माना जाता है। आंध्र प्रदेश के मसालेदार अचार प्रसिद्ध हैं और यहां की थाली में इनका अहम स्थान है।
समुद्र तटीय क्षेत्र में रसेदार व्यंजनों को बनाने में ताज़ा कसे नारियल या नारियल के दूध का इस्तेमाल किया जाता है ताकि मसालों के तीखेपन को सन्तुलित किया जा सके। उत्तरी आन्ध्र के व्यंजनों में गुड़ और मेथी का व्यापक इस्तेमाल होता है। रायलसीमा क्षेत्र के भोजन में पिसी मिर्च की प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। नेल्लोर क्षेत्र खाना पकाने की अपनी विशिष्ट शैली का दावा करता है। नेल्लोर शैली की बिरयानी और डोसा इस क्षेत्र के लोकप्रिय पकवान हैं।
आन्ध्र प्रदेश के प्रमुख व्यंजन (Main dishes of Andhra Pradesh)
पप्पू :
भारत के बाकी क्षेत्रों की तरह दाल आन्ध्र में भी थाली का अनिवार्य हिस्सा है जिसे पप्पू कहा जाता है। पप्पू का अपना विशिष्ट स्वाद होता है और इसे इसके गाढ़ेपन तथा देसी मसालों और जड़ी-बूटियों के उपयोग की वजह से अन्य प्रदेशों की दालों से भिन्न माना जा सकता है। इसका मसाला अलग से तैयार कर पकी हुई दाल में मिलाया जाता है। इसकी सबसे लोकप्रिय किस्मों में टमाटर पप्पू, कूड़ा या पालक पप्पू, गोंगुरा या लाल सोरेल पत्ता पप्पू और बीरकाया या तुरई पप्पू शामिल हैं।
पुलिहोरा :
यह एक प्रकार का इमली का चावल है जिसके मुख्य घटक हैं छोटा वाला चावल, करी पत्ता, टमाटर का रस और सरसों के बीज। इसमें एक ही बार में तीखा, खट्टा और नमकीन स्वाद मिलते हैं। इसे त्योहारों और विशेष अवसरों पर तैयार किया जाता है। इसे मन्दिरों में प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है।
दही-चावल :
दही-चावल के बिना कोई भी दक्षिण भारतीय भोजन पूरा नहीं होता है। इसको दही, चावल, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता, जीरा, राई, उड़द की दाल और मिली-जुली सब्जियों से तैयार किया जाता है। कई तरह के मिनरल और विटामिनों से युक्त यह व्यंजन स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही अपच को दूर करने में भी मदद करता है।
पेसराट्टू :
पेसराट्टू एक प्रकार का डोसा होता है। इसे बनाने के लिए मूंग की दाल के घोल में थोड़ा-सा चावल का आटा मिलाया जाता है। इस घोल को चपटे तवे पर गोल-गोल फैला कर नारियल के तेल से सेंका जाता है। इसको नारियल की चटनी अथवा मिर्च-टमाटर की चटनी के साथ परोसा जाता है।
पुनुगुलु :
इस स्वादिष्ट स्नैक्स को बचे हुए इडली या डोसा बैटर से तैयार किया जाता है। हालांकि ज्यादातर लोग इसे इडली बैटर से बनाना पसन्द करते हैं। इसको बनाने के लिए बैटर की गोल-गोल पकोड़ियां नारियल या सरसों के तेल में तली जाती हैं। इसको नारियल और अदरक की चटनी के साथ परोसा जाता है।
गुट्टी वंकया कूरा :
गुट्टी वंकया कूरा आंध्र प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध बैंगन व्यंजन है। इसे मूंगफली, बैंगन और लाल मिर्च समेत कई मसालों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसे चावल, बाजरा या ज्वार की रोटी, नान, तन्दूरी रोटी आदि के साथ परोसा जाता है।
दोण्डाकाया फ्राई :
यह आन्ध्र प्रदेश के स्वास्थ्यप्रद व्यंजनों में से एक है। इसे लौकी की सब्जी, मेवा और सुगन्धित मसालों से तैयार किया जाता है। इसे चावल या रोटी और रसम के साथ परोसा जाता है। दोण्डाकाया फ्राई विटामिन और खनिजों का एक पैकेज है।
मेदु वड़ा :
उड़द की दाल से तैयार किया जाने वाला मेदु वड़ा एक लोकप्रिय दक्षिण भारतीय पकवान और आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को लोगों का सुबह का प्रिय नाश्ता है। इसको उलुण्डु वड़ाई, उली गारेलू और उझुनु वड़ा भी कहा जाता है। इसको साम्भर और नारियल चटनी के साथ परोसा जाता है।
उप्पिण्डी :
आंध्र प्रदेश में उपपिण्डी एक लोकप्रिय व्यंजन है जिसे रवा उपमा या अरिसी उपमा के नाम से भी जाना जाता है। इसे रवा, मूंगफली और विभिन्न मसालों से तैयार किया जाता है।
पचड्डी :
यह एक प्रकार की चटनी है जिसे अदरक, गुड़, हरी मिर्च, इमली गूदा, मेथी दाना, राई या सरसों का बीज, करी पत्ता, तेल, हल्दी, सूखी साबुत लाल मिर्च आदि से तैयार किया जाता है।
बबबटलू :
आन्ध्र प्रदेश के इस पारम्परिक व्यंजन को महाराष्ट्र में पूरन पोली के नाम से जाना जाता है। इसे त्योहारों और विशेष अवसरों पर गेहूं के आटे या मैदे की लोई में दाल और गुड़ भरकर तैयार किया जाता है। यह आंध्र प्रदेश का पारम्परिक व्यंजन है।
गव्वालू :
यह आन्ध्र प्रदेश की एक पारम्परिक मिठाई है। इसे खासतौर पर दीपावली पर बनाया जाता है। शेल्स की तरह दिखाई देने वाली इस मिठाई को मैदे और चीनी से तैयार किया जाता है।
पुलसा पुलुसु :
पुलसा आंध्र प्रदेश की एक अत्यधिक प्रसिद्ध और सबसे महंगी मछली है जो गोदावरी नदी में पायी जाती है। यह एक मौसमी मछली है जिसका स्वाद लाजवाब होता है। इसे इमली गूदा, प्याज, लहसुन, मिर्च पाउडर, हरी मिर्च, करी पत्ता आदि से तैयार किया जाता है।
गोंगुरा मटन :
गोंगुरा मटन आंध्र प्रदेश की एक पारम्परिक मटन करी है जिसे बनाने के लिए गोश्त को गोंगुरा के पत्तों और पारम्परिक दक्षिण भारतीय मसालों के साथ पकाया जाता है। इसको बिरयानी के साथ परोसा जाता है।
आन्ध्र चिकन बिरयानी :
आन्ध्र चिकन बिरयानी में बेहतरीन क्वालिटी के चावल के मसालेदार मिश्रण के साथ चिकन के टुकड़े होते हैं। इसको हरे धनिये और पुदीने से सजाया जाता है।
पेपर चिकन :
इसे बनाने के लिए चिकन को हल्दी, अदरक-लहसुन के पेस्ट, हरी मिर्च और नींबू के रस में मैरीनेट किया जाता है। इसके बाद चिकन को पका कर ऊपर से कुरकुरे प्याज़ और करी पत्ता से गार्निश किया जाता है।
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