Thu. Feb 6th, 2025
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News Haveli, नई दिल्ली। (America’s highest civilian honor to George Soros) जिस जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर भारत में सत्तपक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंची हुई हैं, उन्हें अमेरिका में सर्वोच्च नागरिक सम्मान (Highest civilian) से नवाजा गया है। जॉर्ज सोरोस (George Soros)के बेटे एलेक्स सोरोस ने उनकी तरफ से सम्मान स्वरूप मिला मेडल स्वीकार किया। इस सम्मान के लिए सोरोस समेत 19 लोगों के नाम की घोषणा की गई थी। जो बाइडन सरकार के फैसले पर अमेरिका के दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क (Elon Musk) भड़क गए हैं। उन्होंने इसे हास्यास्पद करार दिया है। जॉर्ज सोरोस पर विपक्ष के साथ मिलकर भारत सरकार को अस्थिर करने की साजिश का भी आरोप है।

अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (Presidential Medal of Freedom) कहते हैं। शनिवार को राष्ट्रपति बाइडन ने राजनीति, समाजसेवा, खेल और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले 19 लोगों को सम्मानित किया।

अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन नामक संस्था चलाते हैं। व्हाइट हाउस के मुताबिक, “जॉर्ज लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को मजबूत करने वाली वैश्विक पहल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सम्मानित किया गया है।”

सम्मानित हस्तियों में ये भी शामिल

अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले लोगों की सूची में जॉर्ज सोरोस के अलावा देश की पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट हिलेरी क्लिंटन, फुटबॉलर लियोनेल मेसी और एक्टर माइकल जे फॉक्स और डेंजल वॉशिंगटन समेत 19 लोग शामिल हैं।

बाइडन सरकार के फैसले पर भड़के एलन मस्क

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा जॉर्ज सोरोस को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने के फैसले को दिग्गज कारोबारी एलन मस्क ने हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही हास्यास्पद है कि बाइडन सोरोस को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दे रहे हैं। साथ ही उनका पिछले साल एक इंटरव्यू भी सामने आया है जिसमें टेस्ला सीईओ कहते दिखाई दिए कि जॉर्ज सोरोस मानवता से नफरत करते हैं।

जॉर्ज सोरोस पर काफी विवाद

जॉर्ज सोरोस को डेमोक्रेटिक पार्टी के एक बड़े डोनर के रूप में जाना जाता है। रिपब्लिकन नेता अक्सर उनकी आलोचना करते हैं। एलन मस्क और रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं ने जो बाइडन के इस फैसले को राजनीति के प्रेरित बताया है। हालांकि बाइडन ने सम्मानित लोगों की सूची का यह कहकर बचाव कि इसमें शामिल सभी लोगों ने अमेरिका के मूल्यों और वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने में योगदान दिया है। रिपब्लिकन पार्टी लंबे समय से जॉर्ज सोरोस पर अपने धन का इस्तेमाल वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने का आरोप लगाती रही है।

भारत में में भी हुआ था बवाल

जॉर्ज सोरोस का मुद्दा सिर्फ अमेरिका ही नहीं, भारत में भी काफी विवादास्पद है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर सोरोस और उनके संगठन से संबंध होने का आरोप लगाया था। नड्डा ने कहा था कि कांग्रेस भारत को अस्थिर करने के लिए विदेशी शक्तियों को टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है।

हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खरगे ने इन आरोपों को आधारहीन बताया था। उनका कहना था कि भाजपा देश के सामाजिक और आर्थिक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है। जॉर्ज सोरोस के मुद्दे की वजह से शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। सोरोस के फाउंडेशन पर रूस और हंगरी जैसे देशों में दखल देने का आरोप लगता रहा है।

भारत में डीप स्टेट को फंडिंग का आरोप

जॉर्ज सोरोस पर भारत में डीप स्टेट को फंडिंग करने के आरोप लगते रहे हैं। माना जाता है कि सोरोस से मिले पैसों के दम पर ही डीप स्टेट चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश करता रहा है। शाहीन बाग मामले और किसान आंदोलन के पीछे भी जॉर्ज सोरोस से मिले फंड का ही हाथ माना जाता रहा है।

 

 

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