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पश्चिमी घाट के पहाड़ों पर घने जंगलों से घिरा दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य (Dandeli Wildlife Sanctuary) अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां आम, जामुन, हिरदा, बेहड़ा, बांस, सागौन, जम्बा, फिकस आदि वृक्षों के अलावा कई तरह की झाड़ियां, घास और फर्न पाये जाते हैं।

न्यूज हवेली नेटवर्क

र्नाटक की राजधानी बंगलुरु से करीब 453 किलोमीटर दूर उत्तर कन्नड जिले में स्थित दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य (Dandeli Wildlife Sanctuary) साहसिक गतविधियों के लिए प्रसिद्ध होने के अलावा पक्षियों की करीब 297 किस्मों का घर है। 834.16 वर्ग किलोमीटर में फैली यह सेंचुरी कर्नाटक के दूसरे सबसे बड़े अभयारण्य के रूप में प्रतिष्ठित है। इसे 10 मई 1956 को वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary)का दर्जा दिया गया। 2007 में इसे टाइगर रिजर्व के रूप में भी नामित किया गया। इसे राज्य के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।

पश्चिमी घाट के पहाड़ों पर घने जंगलों से घिरा दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य (Dandeli Wildlife Sanctuary) अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां आम, जामुन, हिरदा, बेहड़ा, बांस, सागौन, जम्बा, फिकस आदि वृक्षों के अलावा कई तरह की झाड़ियां, घास और फर्न पाये जाते हैं। कई तरह की जड़ी-बूटियां भी मिलती हैं। इस विस्तृत वन क्षेत्र में काली समेत कई नदियां हैं। काली नदी के सफेद पानी क्षेत्र को राफ्टिंग के लिए विकसित किया गया है। इसके अलावा कयाकिंग, कैनोइंग, माउण्टेन बाइकिंग, कॉरकल राइड, रैपलिंग, ट्रैकिंग, एंगलिंग आदि गतिविधिय़ों में शामिल हो सकते हैं।

दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य
दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य

इस आरक्षित वन क्षेत्र में हालांकि बोनट मकाक, भौंकने वाला हिरण, चित्तीदार हिरण, भारतीय जंगली भैंसा, मालाबारी विशाल गिलहरी, मालाबार सिवेट, पैंगोलिन, सुस्त भालू, तेंदुआ बाघ और हाथी बड़ी संख्या में पाये जाते हैं पर इसे असल ख्याति मिली है इसमें पायी जाने वाली पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों के कारण। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार यहां पाये जाने वाले पक्षियों में भारतीय लोरिकेट, मालाबारी तोते,  पाइड, इण्डियन पाइड हॉर्नबिल्स, पहाड़ी मैना, माणिक-गले और पीले-भूरे रंग की बुलबुल, परी ब्लू बर्ड, वेलवेट-फ्रंटेड और चेस्टनट-बेल्ड न्यूथैच, लिटिल स्पाइडर हन्टर, काले गले और सफेद पूंछ वाली मुनिया, क्रेस्टेड ट्री स्विफ्ट्स, डार्क-फ्रन्टेड बैबलर्स, हार्टस्पॉटेड, व्हाइट-बेल्ड वुडपिकर, ब्राउन-कैप्डपिग्मी वुडपिकर,  मालाबार ट्रोगोन, सीलोन फ्रॉगमाउथ, ब्राउन फिश, स्पॉट-बेलिड आउल, ब्राउन वुड आउल, क्रेस्टेड गोशावक आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां धब्बेदार पिक्यूलेट, गोल्ड-फ्रन्टेड लीफबर्ड्स,ब्लू-विंग्ड लीफबर्ड्स, भारतीय पिट्टा, पफ-थ्रोटेड बैबलर्स, भारतीय लोरिकेट, मालाबार व्हिसलिंग थ्रश, प्लम-हेडेड पैराकेट्स भी देखे जाते हैं। पोम्पडोर कबूतर, पैराडाइज फ्लाई कैचर, सीलोन फ्रॉगमाउथ, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, मालाबार पाइड हॉर्नबिल, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, एमराल्ड डव लेसर,एडजुटेंट स्टॉर्क आदि पक्षी भी यहां देखने को मिलते हैं।

आसपास के देखेने योग्य स्थान

अंशी राष्ट्रीय उद्यान, सुपा डैम, सुपा डैम के बैकवाटर, सिन्थेरी रॉक्स, कावला गुफाएं, स्काईस पॉइन्ट, कुल्गी नेचर कैम्प, उलावी चन्नबसावेश्वरा मन्दिर, श्री मल्लिकार्जुन मन्दिर, विंचोली रैपिड्स आदि।

ऐसे पहुंचें दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य (How to reach Dandeli Wildlife Sanctuary)

दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य
दाण्डेली वन्यजीव अभयारण्य

वायु मार्ग : हुबली एयरपोर्ट यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर है। यह एक घरेलू हवाईड्डा है जहां से गिनीचुनी फ्लाइट ही हैं। गोवा का डाबोलिम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 133 किमी पड़ता है।

रेल मार्ग : धारवाड़ रेलवे जंक्शन यहां से करीब 55 जबकि कारवार रेलवे स्टेशन 108 किमी दूर है।

सड़क मार्ग : यह अभयारण्य धारवाड़ से करीब 55, हुबली से 73 और बेलगाम से लगभग 73 किमी पड़ता है। उत्तर कन्नड जिले के मुख्यालय कारवार, धारवाड़ आदि से यहां के लिए बस और टैक्सी मिलती हैं।

 

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