हाई कोर्ट ने जांच रिपोर्ट 12 नवंबर को पेश करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसके यादव ने हापुड़ के एक याची की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत पाने के लिए आत्महत्या करने वाली पत्नी को बांझ बताने वाले पति के पौरुष शक्ति की जांच कराने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा, “बच्चे पैदा न होने का कारण हमेशा पत्नी ही नहीं होती। बच्चे न होने के लिए कभी-कभी पति भी जिम्मेदार होता है।” अदालत ने जांच रिपोर्ट 12 नवंबर 20254 को पेश करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हापुड़ के एक याची की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची के खिलाफ हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाने में एफआईआर दर्ज है। दहेज की मांग को लेकर पत्नी को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में वह हापुड़ जेल में बंद है। याची ने रिहाई के लिए हाई कोर्ट ने जमानत याचिका दाखिल कर तर्क दिया है कि उसकी पत्नी बच्चा न होने की वजह से अवसाद में थी जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।
याची के इस तर्क से हैरान हाई कोर्ट ने उस तथ्य की पुष्टि के लिए सरकार की 10 दिन के भीतर याची का पौरुष शक्ति परीक्षण करा कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।