Thu. Feb 6th, 2025
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संविधान पर लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को जबकि राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को बहस होगी।

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नई दिल्ली। (All parties agreed to run the House) संसद का शीत सत्र हंगामे की भेंट चढ़ने की आशंकाओं के बीच एक अच्छी खबर है। सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सभी सदनों के नेताओं के साथ हुई बैठक में सदन की कार्यवाही को लेकर सहमति बन गई है। गतिरोध के बीच अब सभी पार्टियां अगले सप्‍ताह संविधान पर बहस (Debate on Constitution) के लिए तैयार हो गई हैं। सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं ने इस पर सहमति जताई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संविधान पर लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को जबकि राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को बहस होगी। साथ ही सभी पार्टियों ने सुचारू रूप से सदन चलाने पर भी सहमति जताई है। गौरतलब है कि संसद का शीत सत्र पिछले सोमवार यानी 25 नवंबर को शुरू हुआ था लेकिन एक भी दिन सदन की कार्यवाही ठीक से नहीं चल पाई। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, कुछ दिनों से सदन में जो गतिरोध बना हुआ था, “बैठक में उस पर सबने चिंता व्यक्त की। हमने भी कहा कि सदन में सब अपना बात रखने के लिए आते हैं, सदन इतने दिनों तक नहीं चलना और जनता के पैसों का इतने दिन तक नुकसान होना ठीक नहीं है। सबने इस बात को माना है और विपक्ष की ओर से भी कई मांग रखी गईं। व्यापार सलाहकार समिति में संविधान पर चर्चा होने का जो प्रस्ताव था उस पर सरकार ने मंजूरी दी है। 13 और 14 तारीख को संविधान पर चर्चा होगी। पहले लोकसभा में चर्चा करेंगे और 16-17 को राज्यसभा में चर्चा होगी। कल से चर्चा शुरू होगी और कल हम सदनों में पहला बिल पास करेंगे।”

विपक्ष से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार की तरफ से संसद में संविधान पर चर्चा की तिथि की घोषणा की जा सकती है। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा की गई है। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “सरकार संविधान पर चर्चा की तिथि की घोषणा को लेकर सहमत है और संभव है कि आज शाम तक इसकी घोषणा कर दी जाए। ऐसा होने पर मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकती है।” सूत्रों ने यह भी कहा कि चर्चा में सपा को संभल की हिंसा का मुद्दा और तृणमूल कांग्रेस को बांग्लादेश के मामले को उठाने का मौका मिल सकता है।

बीते 25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अब तक गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस सदस्य अडानी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे हैं जबकि सपा सांसद संभल हिंसा के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।

 

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