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banke bihari temple of chandausi.

2010 तक मंदिर में पूजा-अर्चना होती थी। इसी वर्ष शरारती तत्वों ने शिवलिंग और भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया।

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल शहर में 2 प्राचीन मंदिर मिलने के बाद अब संभल जिले के ही चंदौसी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र लक्ष्मणगंज में 152 साल पुराना बांके बिहारी मंदिर मिला है। यह मंदिर अब खंडहर हो चुका है। आरोप है कि हिंदुओं के पलायन के बाद वर्ष 2010 में शरारती तत्वों ने मूर्तियां खंडित कर दी थीं।

लक्ष्मणगंज में 25 साल पहले हिंदुओं की बड़ी आबादी होती थी लेकिन अब यह मोहल्ला शतप्रतिशत मुस्लिम बहुल है। मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ ही हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया जिसका असर बांके बिहारी मंदिर पर पड़ा। मंदिर के संरक्षक रहे कृष्णा कुमार के अनुसार वर्ष 2010 तक मंदिर में पूजा-अर्चना होती थी। इसी वर्ष शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान शिवलिंग और भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया। पुलिस कार्रवाई भी हुई लेकिन फिर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। धीरे-धीरे मंदिर के गेट, शिखर आदि तोड़ दिए गए। मंदिर पूरी तरह खंडहर हो चुका है।

लक्ष्मणगंज का नाम भले ही सनातन परंपरा से जुड़ा हो, लेकिन वर्तमान में यह पूरी तरह मुस्लिम बहुल क्षेत्र  है। इस बदलाव ने यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान पर गहरा असर डाला है।

 मंगलवार को सरायतरीन में मिला था मंदिर

गौरतलब है कि संभल जिले में इन दिनो अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इसी दौरान संभल शहर के मुस्लिम आबाजी वाले इलाके सरायतरीन के कच्छावान में 1982 के दंगों के चलते बंद हुए बालाजी मंदिर का पता चला था। इस पर पुलिस और प्रशासन ने इसको मंगलवार को दोबारा खुलवा दिया। इस क्षेत्र में रहने वाले हिंदू 1982 के दंगों के दौरान परेशान होकर यहां से पलायन कर गए थे।

खग्गू सराय में भी मिला था प्राचीन मंदिर

बीते 14 दिसंबर को संभल के खग्गू सराय में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान 46 साल से बंद पड़े प्राचीन मंदिर को “मुक्त” कराया गया था। मुस्लिम आबादी के बीच स्थित इस मंदिर पर 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। यह प्राचीन हनुमान मंदिर बताया जा रहा है जिसमें शिवलिंग, कार्तिकेय और नंदी की मूर्तियां भी मिलीं। मूर्तियां सुरक्षित मिली थीं लेकिन परिसर के कुएं को पाटने के साथ ही पीपल का पेड़ काटकर अतिक्रमण किया गया था।

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