“अशांत क्षेत्र” घोषित जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर शामिल हैं। इसके लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई।
नई दिल्ली। मणिपुर में करीब डेढ़ साल से जारी हिंसा में इधर वृद्धि देखने को मिली है। ताजा हालात का आकलन करने और राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने राज्य के पांच और जिलों के छह पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले इलाकों को “अशांत क्षेत्र” घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने यहां पर AFSPA (सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958′) लागू कर दिया है। इन जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर शामिल हैं। इसके लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई।
राज्य में बुधवार को करीब 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को भेजा गया है। गृह मंत्रालय ने इन यूनिट्स को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल प्रभाव से तैनात करने के आदेश दिए थे। अब इन इलाकों में सशस्त्र बल अशांत क्षेत्रों में तलाशी अभियान चला सकेंगे और संदिग्धों को गिरफ्तार कर सकेंगे। AFSPA के लागू हो जाने के बाद सशस्त्र बलों को गोली चलाने के भी व्यापक अधिकार मिल गए हैं।
हिंसा में जा चुकी है 200 लोगों की जान
मणिपुर राज्य सरकार ने विगत 1 अक्टूबर को पूरे राज्य में AFSPA लागू किया था, हालांकि इन 5 जिलों के 6 थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया था। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन इलाकों में भी AFSPA लागू कर दिया है।
सोमवार को मारे गए थे 11 उग्रवादी
सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में सीआरपीएफ के साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों की मुठभेड़ हो गई थी जिसमें 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे। इसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति देखने को मिली। इस मुठभेड़ के एक दिन बाद जिरीबाम जिले में ही सशस्त्र उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित 6 नागरिकों का अपहरण कर लिया था। पिछले साल के मई महीने से मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत हुई है। इस हिंसा में अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।