नोनू ने शुक्रवार की रात मुझे आइसलैंड के एक जलप्रपात की कुछ तस्वीरें और वीडियो भेजे। इन फोटो को देखकर मन प्रसन्न हो गया। आइसलैंड के लोग कुदरत को बहुत प्यार करने के साथ ही साफ-सफाई का खासा ध्यान रखते हैं।
संजीव जिंदल
प्यार से हम इसे नोनू कहते हैं। महज 12 साल का नोनू अलग-अलग विषयों पर मोटी-मोटी करीब 400 किताबें पढ़ चुका है। वह लगभग आधी दुनिया घूम चुका है। उसका घूमना भी बिल्कुल अलग होता है। उसे कुदरत और म्यूजियम बहुत पसंद हैं। दुनिया के बड़े-बड़े देशों में बड़े-बड़े म्यूजियम है और नोनू इंटरनेट पर म्यूजियम की पूरी जानकारी करने के बाद उस म्यूजियम को पूरा घूमता है।
आप विश्वास करें या न करें, नोनू ने न तो कभी खाने-पीने के लिए और न ही किसी अन्य चीज के लिए जिद की है। हां, उसे यदि कोई बड़ी-सी किताब की दुकान दिख जाए तो उसमें जरूर घुस जाता है। नोनू के मम्मी-पापा डॉक्टर हैं। उसे चार-पांच साल की उम्र में ही इस बारे में पूरी समझ और जानकारी थी कि मम्मी-पापा को काम करना पड़ता है। वह एक मोटी-सी किताब लेकर घर में अकेला ही रह जाता था। इस वक्त नोनू आइसलैंड (Iceland) गया हुआ है और मुझे वहां से तस्वीरें भेज रहा है। मुझे गर्व है कि मैं इस अद्भुत बच्चे का मामा हूं।
नोनू ने शुक्रवार की रात मुझे आइसलैंड के एक जलप्रपात की कुछ तस्वीरें और वीडियो भेजे। इन फोटो को देखकर मन प्रसन्न हो गया। आइसलैंड के लोग कुदरत को बहुत प्यार करने के साथ ही साफ-सफाई का खासा ध्यान रखते हैं। उन्होंने प्राकृतिक स्थानों जैसे पहाड़ों, जंगलों, नदियों, जलप्रपातों आदि को बहुत प्यार से सहेज रखा है। इन स्थानों पर आपको गंदगी का नामोनिशान नहीं मिलेगा। इसके विपरीत हमारे देश भारत में घूमने निकले लोग बियर के खाली टिन, कोल्ड ड्रिंक और पानी की खाली बोतलें, टाट्रा पैक, नमकीन-चिप्स आदि के खाली पैकेट इधर-उधर फेंक कर गंदगी फैलाते हैं। पान, गुटखा-तम्बाकू और खैनी के शौकीनों की करतूतों को आप ऐतिहासिक स्थानों की दीवारों पर देख सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए आइसलैंड (Iceland) एक सबक है।