Fri. May 16th, 2025
फूलों की घाटीफूलों की घाटी

Valley of Flowers Yatra 2024: फूलों की घाटी दुर्गम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जहां पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। इस कारण पर्यटकों को रवानगी वाले दिन ही घांघरिया लौटना होता है। घांघरिया से पर्यटकों को घाटी में सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजा जाता है।

चमोली। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी (Valley of Flowers) शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई। सुबह आठ बजे पर्यटकों को घाटी के लिए भेजना शुरू कर दिया गया। फूलों की घाटी हर साल एक जून को पर्यटकों के लिए खोली जाती है। भारी बर्फबारी वाला क्षेत्र होने के कारण यह घाटी बहुत कम समय के लिए खोली जाती है और बाकी समय बर्फ की मोटी चादर से ढकी रहती है। यह घाटी यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park) का एक भाग है।

फूलों की घाटी (Valley of Flowers) में पर्यटन सीजन शुरू करने के नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park) में पूरी तैयारी की गई थी। पार्क के डीएफओ बीबी मार्तोलिया भी यात्रा के मुख्य पड़ाव घांघरिया पहुंचे जहां से फूलों की घाटी के लिए तीन किलोमीटर का ट्रैक है। उन्होंने बताया कि घाटी में कई प्रजातियों के फूल खिलने लगे हैं। घांघरिया से शनिवार सुबह आठ बजे पर्यटकों के पहले दल को भेजा गया। पिछले साल घाटी में 13,161 पर्यटक पहुंचे थे। इस साल चारधाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए राष्ट्रीय पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि यहां भी बड़ी संख्या में पर्यक पहुंचेंगे।

फूलों की घाटी(Valley of Flowers) दुर्गम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जहां पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। इस कारण पर्यटकों को रवानगी वाले दिन ही घांघरिया लौटना होता है। घांघरिया से पर्यटकों को घाटी में सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजा जाता है। शाम पांच बजे तक उन्हें वापस आना होता है। भारत के निवासियों के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित किया गया है।

फूलों की घाटी में खिलने वाले पुष्प

Valley of Flowers
Valley of Flowers

फूलों की घाटी (Valley of Flowers) में खिलने वाले पुष्पों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान आदि प्रमुख हैं।

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