Tamil Nadu: तमिलनाडु में वह सबकुछ है जिसे एक पर्यटक देखना और घूमना चाहता है। यहां के शानदार समुद्र तट, नदी, झील, प्रपात, पहाड़, घाटियां, जंगल, और ऐतिहासिक विरासत स्थल आपको एक नयी दुनिया में होने का एहसास कराते हैं। तमिलनाडु को मन्दिरों और तीर्थस्थलों की धरती भी कहा जाता है। यहां के कई मन्दिर यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल हैं।
न्यूज हवेली डेस्क
धर्म-अध्यात्म और कला की धरती तमिलनाडु (Tamil Nadu) समय के साथ ताल से ताल मिलते हुए आज जीडीपी की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे समृद्ध राज्य है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात इसने विकास के अनगिनत सोपान तय किये हैं लेकिन अपनी विरासत को सजाना-संवारना नहीं भूला। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और औद्योगीकरण में इसने इतिहास रचा है। प्रकृति ने इसे पूर्ण औदार्य से सजाया-संवारा है तो यहां के लोगों ने भी इसे सहेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
तमिलनाडु (Tamil Nadu) में वह सबकुछ है जिसे एक पर्यटक देखना और घूमना चाहता है। यहां के शानदार समुद्र तट, नदी, झील, प्रपात, पहाड़, घाटियां, जंगल, और ऐतिहासिक विरासत स्थल आपको एक नयी दुनिया में होने का एहसास कराते हैं। तमिलनाडु (Tamil Nadu) को मन्दिरों और तीर्थस्थलों की धरती भी कहा जाता है। यहां के कई मन्दिर यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए यह मेडिकल टूरिज्म का एक बड़ा हब बन चुका है जहां दुनियाभर से लोग इलाज कराने आते हैं।
तमिलनाडु के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major tourist places of Tamil Nadu)
ऊटी (ooty) :

नीलगिरी पहाड़ियों पर स्थित पर्यटन स्थल ऊटी का दूसरा नाम उदगमंडलम है। इसे “पहाड़ों की रानी” भी कहा जाता है। नवविवाहित जोड़ों का यह मनपसन्द गंतव्य है। यहां की टॉय ट्रेन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। यहां के चाय और कॉफी बागान, जंगल, उद्यान, झील, झरने-प्रपात और भारत का सबसे बड़ा रोज गार्डन आपका दिल जीत लेंगे।
ऊटी साल में किसी भी समय जा सकते हैं पर सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितम्बर से नवम्बर के बीच का है। कोयम्बटूर एयरपोर्ट यहां से करीब 87 किलोमीटर दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन मेट्टुपलायमसे ऊटी की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है। मेट्टुपलायम भारत के प्रमुख रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है।
कोडईकनाल :

पलनि हिल पर समुद्र की सतह से 2,133 मीटर की ऊंचाई पर बसे कोडईकनाल का नैसर्गिक सौन्दर्य और शान्त वातावरण सम्मोहित-सा कर देता है। यहां की विशाल चट्टानें, झील, फलों के बगीचे और पल-पल रंग बदलते लैण्डस्केप किसी और ही दुनिया में ले जाते हैं। बारह साल में एक बार खिलने वाले कुरिन्जी के फूल यहां की शान हैं। इनके खिलने पर पहाड़ियों की सुन्दरता देखते ही बनती है। इनकी महक मदहोश कर देने वाली होती है।
मदुरै एयरपोर्ट यहां से करीब 134 किलोमीटर और कोडईकनाल रोड रेलवे स्टेशन लगभग 79 किलोमीटर दूर है। मदुरै, पलानी, त्रिची, बंगलुरु, कोयम्बटूर आदि से यहां के लिए बस और टैक्सी-कैब मिलती हैं।
रामेश्वरम :

रामनाथपुरम जिले का यह छोटा-सा खूबसूरत शहर हिन्दुओं के सर्वाधिक पूज्य चार धामों में से एक है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से रामेश्वरम यहीं पर है जिसकी प्राणप्रतिष्ठा स्वयं भगवान राम ने की थी। यह चेन्नई से लगभग 559 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा एक सुन्दर शंखाकार द्वीप है। पहले यह मुख्य भूमि के साथ जुड़ा हुआ था लेकिन बाद में समुद्र की लहरों ने इस मिलाने वाली पट्टी को काट दिया जिससे यह चारों ओर पानी से घिरकर टापू बन गया।
मदुरै एयरपोर्ट रामेश्वरम से करीब 180 किलोमीटर पड़ता है जहां से बस, कैब या टैक्सीकर यहां पहुंच सकते हैं। रामेश्वरम रेल ट्रैक के माध्यम से मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। यह सड़क मार्ग से दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
धनुषकोडी :

शहरी भीड़-भाड़ से दूर यह शान्त वातावरण वाला सुन्दर स्थान है। यहां का धनुषकोडी मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है, हालांकि अब इसके खण्डहर ही बचे हैं। दरअसल,1964 में आये एक चक्रवात ने इसको बहुत नुकसान पहुंचाया था। धनुषकोडी को भारत की अन्तिम भूमि के रूप में जाना जाता है। यहां एक ऐसी सड़क है जिसे भारत की अन्तिम सड़क कहते हैं। इस सड़क से श्रीलंका केवल 20 किलोमीटर दूर है। मदुरै एयरपोर्ट यहां से करीब 198 किलोमीटर पड़ता है।
कन्याकुमारी (Kanyakumari) :

हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के संगम स्थल पर बसा कन्याकुमारी कला, संस्कृति औरसभ्यता का प्रतीक रहा है। एक पर्यटक स्थल के रूप में भी इसका अपना ही महत्व है। यहां के समुद्र तट की जितनी प्रसिद्धी है, कन्याकुमारी अम्मन मन्दिर की भी उतनी ही धार्मिक मान्यता है। गांधी स्मारक, कवि तिरुवल्लुवर की विशाल प्रतिमा, विवेकानन्द रॉक मेमोरियल, सुचिन्द्रम और नागराज मन्दिर भी दर्शनीय हैं।
केरल का तिरुवनन्तपुरम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 91 किलोमीटर पड़ता है। कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन के लिए दिल्ली, चेन्नई, तिरुवनन्तपुर, हावड़ा आदि से ट्रेन मिलती हैं। यह शहर दक्षिण भारत के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
कांचीपुरम :

पुराणों में इसे कांची भी कहा गया है और यह भारत के सात सबसे पवित्र शहरों (सप्त पुरियों) में से एक है। श्री कांची कामाक्षी अम्मन मन्दिर, कैलाशनाथर मन्दिर, बैकुण्ठ पेरूमल मन्दिर, वरदराज पेरुमल मन्दिर और थिरू एकाम्बरेश्वरर मन्दिर यहीं पर हैं। रेशमी साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध इस शहर का एक समृद्ध इतिहास है। माना जाता है किमहाभारत काल में यह द्रविड़ साम्राज्य का हिस्सा था। कांचीपुरम पर कई महान और शक्तिशाली राजवंशों का शासन रहा है।
कांचीपुरम की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है।निकटतम हवाईअड्डा चेन्नई इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 62 किलोमीटर दूर है। मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, चेन्गलपट्टू, तिरुपति आदि से यहां के लिए ट्रेन मिलती हैं। चेन्नई, बंगलुरु, विल्लुपुरम, तिरुपति, कोयम्बटूर, तिण्डीवनम और पाण्डिचेरी से यहां के लिए सरकरी बस चलती हैं। आप चाहें तो टैक्सी भी ले सकते हैं।
मदुरै (Madurai) :

वैगई नदी के किनारे स्थित मदुरै तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ-साथ भारत के सबसे पुराने शहरों में भी शामिल है। यह अपने मन्दिरों और ऐतिहासिक स्थलों के अलावा चूड़ी-कंगनों, सूत और रेशम के लिए भी प्रसिद्ध है। विश्व प्रसिद्ध मीनाक्षी मन्दिर यहीं पर है। मदुरै के आसपास कई खूबसूरत समुद्र तट हैं जिनमें तूतीकोरिन बीच, अरियामन बीच, विलूण्डी तीर्थम बीच, कुण्थु काल बीच आदि प्रमुख हैं। यहां का गांधी म्यूजियम और थिरुपरनकुन्द्रम मन्दिर देखने के साथ ही यहां के स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना बिलकुल भी ना भूलें।
कहा जाता है कि प्राचीन समय में भी यहां का बाजार हमेशा गुलजार रहता था। दिन के बाजार को नालंगडी कहा जाता था जबकि शाम के बाजार को अलंगडी कहते थे। इस कारण इसको “थोंगा नगरम” के रूप में जाना जाता था जिसका अर्थ है “वह शहर जो कभी नहीं सोता”।
मदुरै साल में किसी भी समय जाया जा सकता है, फिर भी अक्टूबर से मार्च के बीच का समय यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा है।यह दक्षिण भारत के लगभग सभी हिस्सों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मदुरै एयरपोर्ट के लिए देश के प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानें हैं। मदुरै जंक्शन के लिए चेन्नई, रामेश्वरम, दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलुरु, तिरुवनन्तपुरम आदि से नियमित रूप से ट्रेन मिलती हैं।
चेट्टीनाड :

शिवगंगा जिले में आने वाला चेट्टीनाड पर्यटन स्थल मदुरै से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। इसे एक छिपा हुआ और खूबसूरत शहर भी कहा जाता है जो अपनी पुरानी हवेलियों, लिप-स्मूदी मीट करी और समृद्ध विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह अपने दर्शनीय स्थलों और स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता है। यह तमिलनाडु के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां जाने पर चेट्टीनाड संग्रहालय और वैरावनपट्टी मन्दिर देखना न भूलें।
चेन्नई :

यह तमिलनाडु की राजधानी होने के साथ ही सबसे बड़ा शहर भी है। अपनी कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध इस महानगर को भारत का ऑटोमोबाइल हब भी कहा जाता। यहां कई विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान और हॉस्पिटल हैं। दुनियाभर से लोग यहां इलाज कराने आते हैं।
चेन्नई इण्टरनेशनल एयरपोर्ट भारत का तीसरा सबसे व्यस्त हवाईअड्डा है। इसके अलावा यहां दो बन्दरगाह हैं जहां से दुनियाभर के लिए यात्री और कार्गो जहाजों का संचालन होता है। एमजी रामचन्द्रन सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन इस महानगर का मुख्य रेल हेड है। बंगलुरु, मैसूर दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, लखनऊ, चण्डीगढ़ आदि से यहां के लिए नियमित ट्रेन सेवा है।
कोयम्बटूर (Coimbatore) :

इसका नया नाम है कोयमपुथ्थूर। यह औद्योगिक के साथ ही शैक्षिक केन्द्र भी है। तमिलनाडु के इस दूसरे सबसे बड़े शहर को “भारत का मैनचेस्टर” भी कहा जाता है। इस शहर में प्राचीन मन्दिर, झील और पहाड़ों के साथ प्रकृति का सुन्दर नजारा देखने को मिलता है। साहसिक गतिवधियों के लिए प्रसिद्ध इस शहर में आपट्रैकिंग और माउण्टेनियरिंग का आनन्द ले सकते हैं।
कोयम्बटूर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के लिए दिल्ली, बंगलुरु, मुम्बई, कोलकाता, चण्डीगढ़ आदि से सीधी उड़ानें हैं। कोयम्बटूर जंक्शन एक ब़ड़ा रेल हेड है जो चेन्नई, मदुरै, अहमदाबाद, दिल्ली, मुम्बई, बंगलुरु समेत देश के कुछ बड़े शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के सभी प्रमुख शहरों से यहां के लिए बस और टैक्सी मिलती हैं।
वेल्लोर :

पलार नदी के किनारे बसा वेल्लोर तमिलनाडु के प्राचीनतम शहरों में से एक है जिस पर विजयनगर, चोल और पल्लव वंशीय नरेशों के साथ ही ब्रिटिश शासन भी रहा है। यह देश के प्रमुख शैक्षिक केन्द्रों में से एक है। वेल्लोर किला, आरकोट किला, श्रीपुरम स्वर्ण मन्दिर, जलकन्देश्वर मन्दिर, कावलोर वेधशाला, चर्च ऑफ साउथ इण्डिया, राज्य सरकार संग्रहालय यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
निकटतम हवाईड्डा तिरुपति एयरपोर्ट यहां से करीब 123 किलोमीटर दूर है। वेल्लूर काटपाडी जंक्शन यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है। तमिलनाडु के सभी प्रमुख शहरों से यहां के लिए बस और टैक्सी मिलती हैं।
महाबलीपुरम :

मामल्लपुरम जिसे महाबलीपुरम के नाम से भी जाना जाता है, अपने कलात्मक मन्दिरों और रॉक कट गुफा के लिए प्रसिद्ध है। यहां के कई प्राचीन निर्माणों को यूनेस्को ने अपनी विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल किया है।
अगस्त-सितम्बर और नवम्बर-फरवरी यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय है। चेन्नई इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से मात्र 54 किमी दूर है। करीब 29 किमी दूर स्थित चेंगलपट्टू नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
चिदम्बरम :

इसे “खूबसूरत मन्दिरों का शहर” भी कहा जाता है। थलाई नटराज मन्दिर और थलाई अम्मान मन्दिर यहां के प्रमुख मन्दिर हैं। यहां एक बड़ा रेलवे स्टेशन है। निकटतम हवाईअड्डा चेन्नई इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 210 किलोमीटर पड़ता है।
मुदुमलाई : नीलगिरी पहाड़ियों पर स्थित मुदुमलाई अपने वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व हैं। निकटतम बड़ा शहर कोयम्बटूर है।
होगेनक्कल :

धर्मपुर जिले का यह गांव अपने खूबसूरत झरनों और जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। इसे “झरनों का शहर” भी कहा जाता है। बंगलुरु से करीब तीन और चेन्नई से लगभग आठ घण्टे में यहां पहुंचा जा सकता है।
तुतिकोरिन : तूतुकुड़ी जिसे तुतिकोरिन भी कहा जाता है, एक बन्दरगाह शहर है जहां खूबसूरत समुद्र तट,चिड़ियाघर, मन्दिर, चर्च आदि हैं।
तिरुचिरापल्ली :

यह त्रिची नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है और तमिलनाडु के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है जहां अनेक प्राचीन मन्दिर, चर्च और ऐतिहासिक स्थल हैं। यहां रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट है। राज्य के सभी प्रमुख शहरों से यह सड़क नेटवर्क से जुड़ा है।
नागपट्टिनम : यहां खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों के साथ ही कई तीर्थस्थल भी हैं। निकटतम हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट यहां से करीब 146 किलोमीटर दूर है। चेन्नई, मदुरै, त्रिची, कन्याकुमारी, तन्जावुर, पाण्डिचेरी आदि से यहां के लिए नियमित रूप से बस मिलती हैं। नागपट्टिनम जंक्शन के लिए तमिलनाडु के सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन मिलती हैं।
पोल्लाची :

कोयम्बटूर जिले में स्थित पोल्लाची एकखूबसूरत पर्यटन स्थल है। प्रकृति ने इसे अत्यन्त उदारता से सौन्दर्य की दौलत दी है। यहां अक्सर फिल्मों की शूटिंग होती रहती है। टॉपस्लिप टाइगर रिजर्व और अन्नामलाई वन्यजीव अभयारण्य यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। कोयम्बटूर शहर से यह कस्बा मात्र 43 किलोमीटर पड़ता है। यहां का रेल हेड पोल्लाची जंक्शन है।
वैलंकन्नी :

नागपट्टिनम जिले का यह शहर अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। यहां मदर मैरी की स्मृति में बनाया गया एक चर्च भी है। यह हथकरघा वस्त्रों और रेशम के लिए भी प्रसिद्ध है।
अगस्त और सितम्बर यहां घूमने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। निकटतम हवाईअड्डा तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट यहां से करीब 152 किलोमीटर जबकि नागपट्टिनम जंक्शन मात्र 123 किलोमीटर दूर है।