Fri. May 16th, 2025
supreme court

MONAL

News Havel, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी (Electronic Surveillance) और सड़क सुरक्षा (Road safety) उपायों से संबंधित कानूनी प्रावधानों और नियमों के अनुपालन वाली रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को राज्यों में रोड सेफ्टी उपाय और मोटर व्हीकल एक्ट (MV Act) के नियमों को लागू करने के मामले में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। यह निर्देश राष्ट्रव्यापी सड़क सुरक्षा पहलों की चल रही निगरानी के हिस्से के रूप में दिया गया है।

5 राज्य व 1 केंद्र शासित प्रदेश दाखिल कर चुके हैं अनुपालन रिपोर्ट

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि 5 राज्यों पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर दी है। पीठ ने बचे हुए 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है जिसे रोड सेफ्टी को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कमेटी के पास भेजा जाएगा। पीठ ने इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुपालन की समीक्षा के लिए 25 मार्च की तारीख तय की है।

यह रिपोर्ट मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए और मोटर वाहन नियमों के नियम 167ए के कार्यान्वयन का आकलन करने में महत्वपूर्ण हैं। दोनों का दोनों का उद्देश्य तेज गति जैसे यातायात उल्लंघनों को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि राज्य सरकारों को दुर्घटना होने वाली जगहों, जंक्शनों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने की जरूरत है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 2 सितंबर को दिया था निर्देश

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 को सभी राज्य सरकारों को मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 136A को लागू करने का निर्देश दिया था जो तेज गति से चलने वाले वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगरानी करने की अनुमति देती है।

इस एक्ट के नियम 167A के तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फुटेज के आधार पर चालान जारी किए जा सकते हैं। शीर्ष अदालत ने सभी राज्य सरकारों को इसको लेकर कदम उठाने का भी निर्देश दिया था।

 समिति 25 मार्च को रिपोर्ट की समीक्षा करेगी

पीठ ने बताया कि सड़क सुरक्षा पर बनाई गई समिति द्वारा 25 मार्च को इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद केंद्र इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सड़क सुरक्षा के उपायों की संचालन प्रक्रिया तैयार करने में विचार कर सकता है। पैनल रोड सेफ्टी रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए 6 राज्यों की सहायता ले सकता है।

पांच साल में मार्ग दुर्घटनाओं में 7.77 लाख लोगों की मौत

देश में 5 साल में मार्ग दुर्घटनाओं (Road Accidents) में 7.77 लाख लोगों ने जान गंवाई है। सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। तमिलनाडु 84 हजार और महाराष्ट्र 66 हजार मौतों के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।

अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से जारी किए गए 2018 से 2022 के डेटा के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने “रोड एक्सीडेंट इन इंडिया, 2022” रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार वर्ष 2021 में देश में मार्ग दुर्घटनाओं में 1,53,972 मौतें हुई थीं  जो 2022 में बढ़कर 1,68,491 हो गईं।

सबसे खराब रिकॉर्ड भारत का : नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 12 दिसंबर 2025 को कहा था, “दुनिया में सड़क हादसों को लेकर सबसे खराब रिकॉर्ड हमारा है। जब भी मैं किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने जाता हूं और वहां मार्ग दुर्घटनाओं को लेकर बात होती है तो मैं अपना मुंह छुपाने की कोशिश करता हूं।“

 

 

9 thought on “सुप्रीम आदेश : सड़क सुरक्षा पर 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *