News Haveli, नई दिल्ली।(Earthquake in four countries)चीन, नेपाल, भारत और भूटान में मंगलवार को सुबह भूकंप(Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 रही। चीन के तिब्बत में 6.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया। चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस भूकंप से तिब्बत में 32 लोगों की मौत हो गई जबकि 38 लोग घायल हुए हैं। भारत में बिहार, सिक्किम, असम, उत्तर बंगाल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। फिलहाल भारत में भूकंप से जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
यूएसजीएस अर्थक्वेवक्स के मुताबिक, नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। (Earthquake 2025)
दिल्ली-एनसीआर तक महसूस हुए झटके
मंगलवार सुबह जब लोग गहरी नींद में सोए थे, भूकंप के तेज झटकों ने जगा दिया। सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर आए इस भूकंप का असर उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया गया। बिहार में जहां इसकी तीव्रता 6.38 रही तो वहीं लखनऊ में रेक्टर स्केल पर ये 7.1 मापा गया। इन दो जगहों पर झटके इतने तेज थे कि लोग कुछ देर तक डर के साए में ही रहे।
बिहार के मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, सिवान, अररिया, सुपौल, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। कहा जा रहा है कि पांच सेकंड तक धरती हिलती रही। लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर डर कर अपने घरों से बाहर निकलने लगे।
इसलिए आता है भूकंप
धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।