सपा विधायक नवाबजान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई सपा नेताओं ने जेल में संभल दंगे के आरोपियों से मुलाकात की थी।
लखनऊ। संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं की नियम विरुद्ध मुलाकात कराने के मामले में महानिदेशक जेल पीवी रामाशास्त्री ने मुरादाबाद जेल के जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को निलंबित कर दिया है। डीजी जेल ने इसके साथ ही जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ विभागीय जांच करने की सिफारिश की है। जेल प्रशासन पर आरोप है कि उसने हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से सपा के स्थानीय नेताओ की बिना जेल मैनुअल का पालन कराए मुलाकात कराई थी।
सपा विधायक नवाबजान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई सपा नेताओं ने जेल में संभल दंगे के आरोपियों से मुलाकात की थी। पूर्व सांसद, विधायकों के साथ कुछ सपा नेताओं ने बगैर पर्ची के मुलाकात की थी। शासन के निर्देश पर डीजी जेल ने डीआईजी जेल कुंतल किशोर को जांच सौंपी गई थी।
दरअसल, संभल में जेल नहीं है। इस वजह से संभल हिंसा के आरोपी मुरादाबाद जेल में बंद हैं। हिंसा का मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए संभल प्रशासन ने 10 दिसंबर तक जनपद में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक तक लगा रखी है। इस बीच सोमवार को पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन, ठाकुरद्वारा विधायक नवाबजान, नौगंवा सादात (अमरोहा) से विधायक चौधरी समरपाल सिंह, जिला महासचिव मुदस्सिर खान, पूर्व जिलाध्यक्ष अतहर हुसैन अंसारी, प्रदेश सचिव गुलजार अहमद, कादिर खान जिला कारागार पहुंचे और संभल हिंसा के आरोपितों से मुलाकात की। बाहर निकलकर आए सपा नेताओं ने मीडिया से बातचीत में आरोपितों को बेगुनाह बताया। पुलिस द्वारा बर्बरता किये जाने की बात कही।
मामला अखबारों में सुर्खियों का विषय बना जिसका जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और मंगलवार को एक रिपोर्ट शासन को भेज दी। इसी के बाद डीआईजी जेल कुंतल किशोर जिला कारागार पहुंचे और जेल का एक-एक कोना खंगाला और सोमवार को जेल में कौन-कौन से मुलाकाती आए, किनसे मुलाकात की, किनके नाम की पर्ची लगी। उन्होंने सारा रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग भी अपने कब्जे में ली।
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