News Haveli, नई दिल्ली । (Toll Policy on National Highways) केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को राहत देने की तैयारी में है। इसके लिए वह राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक समान टोल नीति (Uniform Toll Policy) पर काम कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुद यह जानकारी दी है। एक बयान में उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर यात्रियों को राहत देने के लिए सरकार एक समान टोल नीति पर काम कर रही है। इससे यात्रियों को होने वाली असुविधाओं का समाधान होगा और टोल संग्रह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनेगी।”
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा की गई शिकायतों को बहुत गंभीरता से ले रहा है और इसमें शामिल ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंचा
उन्होंने कहा कि राजमार्गों पर टोल शुल्क में वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों में अधिक से अधिक हिस्से टोलिंग प्रणाली के अंतर्गत आ गए हैं,जिससे अक्सर उपयोगकर्ताओं का असंतोष बढ़ रहा है। 2023-24 में भारत में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। 2019-20 में कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 60 प्रतिशत यातायात निजी कारों का है, इन वाहनों से टोल राजस्व का हिस्सा मुश्किल से 20-26 प्रतिशत है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का कहना था कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 और संबंधित रियायत समझौते के प्रावधान के अनुसार स्थापित किए गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चालू वित्तीय वर्ष में, राजमार्ग मंत्रालय वित्तीय वर्ष 2020-21 में 37 किमी प्रति दिन राजमार्ग निर्माण के पिछले रिकॉर्ड को पार कर जाएगा। चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 7,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया गया है।
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