Tue. Mar 25th, 2025
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हुण्डरू जलप्रपात (Hundru Falls) के शीर्ष से नीचे उतरने के लिए करीब साढ़े सात सौ सीढ़ियां हैं। लगभग 100 मीटर गहरी खाई से ऊपर की ओर देखने पर लगता है जैसे हम पाताल लोक में हैं और स्वर्ग से गंगा नीचे गिर रही है। यह नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है।

हुण्डरू जलप्रपात
हुण्डरू जलप्रपात

न्यूज हवेली जलप्रपात

भी कलकल तो कभी बलखाती बहती सुवर्णरेखा नदी रांची से करीब 45 किलोमीटर दूर ओरमांझी में एकाएक 98 मीटर नीचे छलांग लगा देती है। जीवनदायिनी के इसी खिलन्दड़ेपन से जन्म होता है हुण्डरू जलप्रपात (Hundru Falls) का जो झारखण्ड का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है। यूं तो पूरे साल ही यहां का नजारा देखने लायक होता है पर मानसूनी मौसम की तो बात ही अलग है जब अथाह जलराशि के पूरी ताकत से पत्थरों पर गिरने के साथ ही छोटे-छोटे जल-कणों की दूधिया चादर-सी तन जाती है। राज्य का सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाला जलप्रपात है लोध (बूढ़ा घाघ) जो कि लातेहार जिले में है।

भारत के इस 34वें सबसे ऊंचे जलप्रपात पर बनायी गयी है सिकिदरी पनबिजली परियोजना। जलराशि की प्रचुरता के दिनों में यहां औसतन 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। रांची ज़िले के ओरमांझी ब्लॉक चौक से पूर्व दिशा की ओर जाने वाली पक्की सड़क से सिकिदरी लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है जहां से हुण्डरू जलप्रपात (Hundru Falls) तक पहुंचने के लिए हरीभरी पर खतरनाक पहाड़ियों के बीच करीब सात-आठ किलोमीटर दूरी तय करने के बाद आगे सर्पीला मार्ग है।

पर्यटक उद्गम और तलहटी, दोनों तरफ से इस प्रपात की नीचे गिरती स्वच्छ-धवल जलधारा को देखने का आनन्द उठा सकते हैं। हुण्डरू जलप्रपात (Hundru Falls) के शीर्ष से नीचे उतरने के लिए करीब साढ़े सात सौ सीढ़ियां हैं। लगभग 100 मीटर गहरी खाई से ऊपर की ओर देखने पर लगता है जैसे हम पाताल लोक में हैं और स्वर्ग से गंगा नीचे गिर रही है। यह नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है।

हुण्डरू एक खण्डित प्रकार का जलप्रपात है। पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने यहां टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स एवं शेड निर्माण सहित सुन्दरीकरण के कई कार्य कराये हैं। फिर भी हमारी सलाह है कि पहाड़ों और घने जंगलों के बीच स्थित इस प्रपात को देखने का कार्यक्रम कुछ इस तरह बनायें कि सांझ होने तक रांची या अपने किसी अन्य गंतव्य तक पहुंच सकें क्योंकि यहां रात्रि विश्राम की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।

हुण्डरू जलप्रपात
हुण्डरू जलप्रपात

यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी तक का है। इस समय तक मानसून विदा हो चुका होता है और सुवर्णरेखा में पर्याप्त जलराशि होती है। यहां पिकनिक पर जाने का सबसे अच्छा समय दिसम्बर से फरवरी तक रहता है। मानसून के मौसम में हालांकि इस जलप्रपात में अथाह जलराशि होती है पर पर्वतीय-जंगली मार्ग बेहद खतरनाक हो जाते हैं और हादसे की आशंका बनी रहती है।

ऐसे पहुंचें हुण्डरू जलप्रपात (How to reach Hundru Falls)

वायु मार्ग : निकटतम हवाई अड्डा रांची का बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट यहां से करीब 48 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग : रांची, रामगढ़ कैण्ट और मुरी यहां के नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। रांची और रामगढ़ कैण्ट के लिए देश की लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से ट्रेन सेवा है।

सड़क मार्ग : हुण्डरू जलप्रपात (Hundru Falls) रांची शहर से करीब 45 किलोमीटर दूरी पर रांची-पुरुलिया रोड पर है।

6 thought on “हुण्डरू जलप्रपात : सुवर्णरेखा की छलांग”
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