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हरियाणा में ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं और चावल के बजाय गेहूं, बाजरा, चना और मिश्रित आटे की रोटी खाना ज्यादा पसन्द करते हैं। इसी के चलते इसे “द लैंड ऑफ रोटीज” भी कहा जाता है। रोटी, सब्जी, दाल, बाजरे की खिचड़ी, लस्सी, घी, दही और छाछ यहां के रोजाना के खानपान में शामिल हैं।

अनुवन्दना माहेश्वरी

ठेठ देसी अन्दाज वाले राज्य हरियाणा में लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती और पशुपालन है। इसका प्रभाव यहां के भोजन पर भी देखा जा सकता है जो बहुत ही सादा होता है। ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं और चावल के बजाय गेहूं, बाजरा, चना और मिश्रित आटे की रोटी खाना ज्यादा पसन्द करते हैं। इसी के चलते इसे “द लैंड ऑफ रोटीज” भी कहा जाता है। रोटी, सब्जी, दाल, बाजरे की खिचड़ी, लस्सी, घी, दही और छाछ यहां के रोजाना के खानपान में शामिल हैं। (Haryana: Spring of vegetarian desi dishes)

कैर सांगरी की सब्जी (Kair Sangri’s vegetable) :

कैर सांगरी की सब्जी
कैर सांगरी की सब्जी

कैर सांगरी एक तरह की बीन्स है। इसकी सब्जी बनाने के लिए कैर सांगरी को हल्दी के पानी में एक चुटकी नमक के साथ भिगोकर तैयार किया जाता है। फिर इसे अमचूर, हल्दी, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला, पिसी हुई सरसों, चीनी, नमक और दही के साथ पकाया जाता है। इसे बाजरे और बेसन की रोटी के साथ खाना पसन्द किया जाता है।

बेसन मसाला रोटी :

बेसन की रोटी
बेसन की रोटी

इसे बनाने के लिए चने के बेसन और गेहूं के आटे को देसी घी डालकर गूंथा या मढ़ा जाता है। इस मिश्रण में कटी हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, पिसा धनिया और अमचूर भी मिलाया जाता है। इस रोटी को रायता अथवा सब्जी के साथ खाया जाता है।

मिश्रित दाल :

हरियाणा की मिश्रित दाल
हरियाणा की मिश्रित दाल

मिश्रित दाल बनाने के लिए पांच तरह की दालों का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें चना दाल, अरहर, मसूर, मूंग आदि शामिल हैं। शुद्ध देसी घी में टमाटर, दही, गरम मसाला और अदरक-लहसुन के पेस्ट के साथ पकाकर इसे जीरा चावल और परांठे के साथ परोसा जाता है।

हरा धनिया छोलिया  : हरा धनिया छोलिया एक तरह की सब्जी है जो हरा चने (छोलिया), प्याज, टमाटर, गाजर, लाल मिर्च पाउडर, जीरा, धनिया पत्ती, हल्दी आदि से तैयार की जाती है। इसे रोटी या परांठे के साथ परोसा जाता है।

हरा धनिया छोलिया
हरा धनिया छोलिया

कढ़ी पकोड़ा (Kadhi Pakoda) :

उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में कढ़ी पकौड़ा एक लोकप्रिय व्यंजन है। हालांकि कुछ स्थानीय सामग्री के मिश्रण और बनाने की तरीके के चलते स्वाद में थोड़ा-बहुत अन्तर होता है। हरियाणा का कढ़ी पकौड़ा पंजाब के कढ़ी पकौड़ा की तरह ही तैयार किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए दही और बेसन की ग्रेवी बनाकर उसमें तले हुए पकोड़े डाले जाते हैं।

बाजरा खिचड़ी :

बाजरे की खिचड़ी
बाजरे की खिचड़ी

बाजरा खिचड़ी हरियाणा में सर्दी के मौसम का लोकप्रीय भोजन है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। इसे बाजरा, मूंग की दाल, हल्दी, देसी घी, जीरा, हींग, नमक आदि से तैयार किया जाता है।

बाजरा आलू रोटी :

बाजरा आलू रोटी

बाजरा आलू रोटी को हरियाणा का परम्परागत भोजन तो नहीं कहा जा सकता पर पिछले चार-पांच दशकों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। इस कारण यहां के ज्यादातर परिवारों में यह दैनिक भोजन का हिस्सा बन गया है। इसे बाजरे के आटे में उबालकर मैस किये आलू, अदरक-लहसुन के पेस्ट, हरा धनिया और गरम मसाले के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसे आमतौर पर घर के बने सफेद मक्खन के साथ परोसा जाता है।

बाजरे और छाछ की रबड़ी :

बाजरे की रबड़ी
बाजरे की रबड़ी

बाजरे और छाछ की रबड़ी पेट के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। यह शरीर का तापमान सही रखने में भी सहायक होती है। यही कारण है कि इसे सर्दी के मौसम में गर्म और गर्मियों में ठंडा करके खाया जाता है। इसे बनाने के लिए बाजरे के आटे को छाछ में अच्छी तरह से मिलाने के बाद भुना जीरा, कच्चा साबुत जीरा और नमक डालकर हल्की आंच में लगातार करछुल से हिलाते हुए पकाया जाता है। एक उबाल आने के बाद लगातार चलाने की जरूरत नहीं होती पर 10-15 मिनट तक पकाया जाता है। इसे नमकीन और मीठा दोनों बना सकते हैं।

कचरी की सब्जी :

कचरी की सब्जी
कचरी की सब्जी

हरियाणा में कचरी को फल और सब्जी दोनों तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह ककड़ी, मतीरा और खरबूजे की तरह बालुई मिट्टी में कम पानी में होने वाला फल है। इसका स्वाद थोड़ा खट्टा होता है। इसे अन्य किसी भी भारतीय सब्जी की तरह मसालों और तेल से बनाया जाता है। इसकी चटनी भी बनती है जो बाजरे की रोटी के साथ अत्यंत स्वादिष्ट लगती है।

मेथी गाजर :

मेथी गाजर की सब्जी
मेथी गाजर की सब्जी

मेथी और गाजर दोनों ही अत्यंत पौष्टिक सब्जियां हैं। सर्दी के मौसम में इनका भरपूर उत्पादन होता है। मेथी का स्वाद कुछ कड़वा होता है जबकि गाजर मीठी होती है। ऐसे में अदरक, अमचूर हींग, जीरा, धनिया, गरम मसाला, लाल मिर्च पाउडर, हरी मिर्च आदि डालकर बनायी गयी इस मिश्रित सब्जी का एक अलग ही तरह का स्वाद होता है।

टमाटर की चटनी :

टमाटर की चटनी
टमाटर की चटनी

लाल मीठे टमाटरों से बनायी गयी इस चटनी का तीखा स्वाद आपको दीवाना बना देगा। इसे टमाटर, प्याज, लहसुन, लाल मिर्ची पाउडर, कटी हरी मिर्च, मसाले, नमक और चीनी से बनाया जाता है। इसे रोटी, परांठे और पकौड़े का साथ खाया जाता है।

दही वड़ा : बाकी उत्तर भरात के लोगों की तरह हरियाणवियों को भी दही वड़ा बहुत पसंद है। इसे बनाने के लिए धुली उड़द की सादी पकौड़ियां बनाकर उन्हें दही के घोल में भिगोया जाता है। सर्व करते समय ऊपर से सोंठ, हरी चटनी, मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, गरम मसाला, काला नमक, सफेद नमक, हरा धनिया आदि डाला जाता है।

बथुआ रायता :

बथुआ रायता
बथुआ रायता

सर्दी के मौसम में बनायी जाने वाली इस डिश को बथुआ और दही से बनाया जाता है। जीरा पाउडर, नमक, कटी हरी मिर्च, लाल मिर्च का पाउडर आदि मिलाने के बाद देसी घी, हींग और जीरे का बघार (छौंका) लगाया जाता है। यहा अत्यंत पौष्टिक और ताजगी प्रदान करने वाला व्यंजन है।

अलसी की पिन्नी :

अलसी की पिन्नी
अलसी की पिन्नी

अलसी की पिन्नी पंजाब के साथ-साथ हरियाणा की भी एक लोकप्रिय मिठाई है। इसे अलसी, गेहूं के आटे, चीनी, घी, मेवा और इलायची पाउडर से तैयार किया जाता है। अलसी में फाइबर, ओमेगा3, आयरन और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये लड्डू अत्यंत स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक भी हैं और सर्दी के मौसम में गर्मी प्रदान करते हैं।

मालपुआ : यह एक तरह का पैन केक है। मैदा, मावा और शक्कर से बनाया जाने वाला यह व्यंजन भोजन के अन्त में मिठाई के तौर पर परोसा जाता है। स्वाद और सुगन्ध बढ़ाने के लिए इसमें इलायची पाउडर भी मिला सकते हैं। हरियाणा में कुछ स्थानों पर इसे रबड़ी का साथ परोसते हैं। (Haryana dishes)

मीठे चावल :

मीठे चावल
मीठे चावल

यह हरियाणा का एक लोकप्रिय व्यंजन है जिसे बासमती चावल, घी, चीनी, लौंग, दालचीनी, इलायची और केसर से बनाया जाता है। समृद्ध लोग इसमें मेवे भी मिलाते हैं। इसे भोजन के अंत में मिठाई की तरह पेश किया जाता है।

बूरा रोटी घी :

बूरा रोटी घी
बूरा रोटी घी

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह एक मीठा व्यंजन है। इसे बनाने के लिए गेहूं के आटे की हल्का नमक पड़ी रोटी बनाने के बाद उस पर देसी घी की मोटी परत चढ़ाकर ऊपर से बूरा बुरका जाता है। कई लोग इसे भोजन के अंत में मिठाई के तौर पर खाते हैं।

गोंद के लड्डू :

गोंद के लड्डू
गोंद के लड्डू

इसे खासतौर पर सर्दी के मौसम में बनाया जाता है। गेहूं अथवा बाजरे के आटे, खाने वाले गोंद, शक्कर, घी, मेवे और देसी घी से बनाये जाने वाले ये लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ ही अत्यंत पौष्टिक भी होते हैं। इसे खाने से प्रसूता स्त्रियों को काफी ताकत मिलती है। एक दिन में एक से ज्यादा लड्डू न खायें अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है। (Haryana’s thali)

 

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