Sat. Jul 19th, 2025
sambit patra

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News Haveli, नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों (Bangladeshi and Rohingya infiltrators) पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की एक 114 पन्नों की रिपोर्ट पेश की। भाजपा सांसद डॉ संबित पात्रा (Sambit Patra) ने इस रिपोर्ट को दिखाते हुए उन्होंने दिल्ली का आमआदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की वजह से दिल्ली में मुस्लिम आबादी बढ़ी है जिसकी वजह से दिल्ली की डेमोग्राफी में बदलाव (Change in demography of Delhi) आ गया है। आज से 10-15 साल पहले जो दिल्ली थी, वैसी अब नहीं है। चोरी-चोरी, चुपके-चुपके दिल्ली की डेमोग्राफी बदल रही है जो खतरे का सूचक है।

सोशियो-इकोनॉमी फ्रंट पर आ रहा है बदलाव 

संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली के सोशियो-इकोनॉमी फ्रंट पर बदलाव आ रहा है। कम वेतन वाली नौकरियों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आकर दिल्ली में काम करते थे। दिल्ली को बनाने में हमारे पूर्वांचली भाइयों का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों ने अवैध तरीके से उनके काम में सेंधमारी की।

संबित पात्र ने कहा कि रिपोर्ट (JNU report on infiltrators) में शाहीन बाग, सीलमपुर, जाफराबाद, बाबरपुर, गोकलपुरी, खान मार्के और द्वारका का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट का यह हिस्सा अवैध प्रवासियों के बसने पर केंद्रित है। फेक आइडेंटिटी यानी फर्जी पहचान के फ़ीचर का इस्तेमाल कर बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के फर्जी अकाउंट खोले जा रहे हैं।

आप नेता घुसपैठियों के फर्जी वोट बनवा रहे

संबित पात्रा ने कहा, “रिपोर्ट की सबसे भयावह बात यह है कि कुछ राजनीतिक दल इसे बढ़ावा दे रहे हैं। खासकर आम आदमी पार्टी का इसमें अहम रोल है। आप नेता घुसपैठियों को फेक वोटर बना रहे हैं जो हमारे चुनावी तंत्र का ध्वस्त कर रहे हैं। अपराध में बढ़ोतरी के लिए भी ये घुसपैठिए जिम्मेदार हैं।”

दिल्ली के इन इलाकों में सबसे ज्यादा घुसपैठिए

डॉ संबित पात्रा ने बताया कि इस रिपोर्ट को प्रोफेसर मनुराधा चौधरी के नेतृत्व में कई सारे शोधकर्ताओं ने मिलकर तैयार किया है। रिपोर्ट के अनुसार ये घुसपैठिए दिल्ली के जिन इलाकों में रह रहे हैं उनमें सीलमपुर, जामिया नगर (शाहीन बाग), जाकिर नगर (ओखला), लाजपत नगर, कैलाश नगर, खिचड़ीपुर, सराय काले खां, सुल्तानपुरी मुस्तफाबाद, निजामुद्दीन, सराय रोहिल्ला, जाफराबाद, खान मार्केट, शाहदरा, भलस्वा डेयरी, बवाना, द्वारका, रोहिणी, मोती नगर और गोविंदपुरी शामिल हैं।

 

4 thought on “बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से बदली दिल्ली की डेमोग्राफी”
  1. Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?

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