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स्वर्णरेखा की सहायक नदी कांची (कचनी) जब दक्षिणी छोटानागपुर पठार या रांची के पठारी हिस्से से बहती हुई करीब 44 मीटर की ऊंचाई से गिरती है तो इसकी रचना होती है।

न्यूज हवेली नेटवर्क

झारखण्ड में रांची-टाटा मार्ग पर रांची से करीब 38 किलोमीटर का सफर करने पर तैमारा गांव के पास प्राकृतिक नजारों के बीच एक अद्भुत जलप्रपात है। अद्भुत इस मायने में कि यह भारत का एकमात्र प्रपात है जहां किसी नदी की धारा दस हिस्सों में बंटकर पूरे वेग से नीचे चट्टानों पर गिरती है। यही है दशम जलप्रपात (Dasham Falls) जिसका असली नाम है “दा:सोम”। मुन्डारी भाषा का यह शब्द दो शब्दों दा: और सोम से बना है। दा: का अर्थ है पानी और सोम का जमाव, यानी “पानी का जमाव”। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि दस धाराएं होने की वजह से इसका नाम दशम जलप्रपात (Dasham Falls) पड़ा। इसकी प्रसिद्धि “दशम घाघ” (Dasham Ghagh) के रूप में भी है।

रांची के ही हुण्डरू के बाद यह झारखण्ड का दूसरा सबसे लोकप्रिय जलप्रपात है। स्वर्णरेखा की सहायक नदी कांची (कचनी) जब दक्षिणी छोटानागपुर पठार या रांची के पठारी हिस्से से बहती हुई करीब 44 मीटर की ऊंचाई से गिरती है तो इसकी रचना होती है।

अति उत्साही न बनें, रहें सावधान

दशम जलप्रपात
दशम जलप्रपात

पानी की तेज जलधारा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। दशम जलप्रपात (Dasham Falls) तो पानी का वेग तेज होने के साथ ही कई धाराओं में नीचे गिरता है। इस कारण कदम डगमगाने पर संभलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि जिस स्थान पर जलधाराएं गिरती हैं, वहां व उसके आसपास कतई न नहाएं। जलधाराएं नीचे गिरने के बाद पानी जब कुछ आगे बढ जाता है तब नहाया जा सकता है। हालांकि इस दौरान भी काफी सावधानी की जरूरत है। दरअसल चट्टानों के बीच अनेक खतरनाक गड्ढे बन गये हैं जो पानी से ढंके होने के कारण दिखते नहीं हैं और इनमें फंसना जानलेवा हो सकता है। प्रपात से 50-60 मीटर आगे जाकर जलधारा सामान्य तरीके से आगे बढ़ती है लेकिन यहां भी खतरा कम नहीं है। कहीं पत्थर तो कहीं गड्ढे मिलते रहते हैं  क्योंकि पूरा छोटानागपुर ही चट्टानों पर बसा है।

कब जायें दशम जलप्रपात (When to go to Dasham Falls)

फरवरी से अप्रैल के बीच का समय दशम जलप्रपात घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। मई-जून में यह करीब-करीब सूख जाता है। जुलाई से सितम्बर के बीच यहां भारी वर्षा होती है और पूरे क्षेत्र हराभरा होकर खिल उठता। इस समय इसके दसों जलधाराएं पूरे उफान पर होती हैं। कह सकते हैं कि यह इस जलप्रपात का वैभव काल होता है। हालांकि इस दौरान खतरा भी सबसे ज्यादा होता है। जगह-जगह फिसलन हो जाती है। सांप-बिच्छुओं का खतरा तो होता ही है, कीट-पतंगे भी परेशानी की वजह बन जाते हैं।

ऐसे पहुंचें दशम जलप्रपात (How to reach Dasam Falls)

दशम जलप्रपात
दशम जलप्रपात

वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा रांची का बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट यहां से करीब 39 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग : रांची जंक्शन से दशम जलप्रपात (Dasham Falls) पहुंचने के लिए करीब 35 किमी लम्बा सफर तय करना होता है। दिल्ली, हावड़ा, पटना, जम्मू, अलपुझा, धनबाद, सिकन्दराबाद, बरौनी, भुवनेश्वर आदि से रांची के लिए नियमित ट्रेन सेवा है।

सड़क मार्ग : दशम जलप्रपात (Dasham Falls) रांची शहर से करीब 38 किलोमीटर पड़ता है। रांची-जमशेदपुर मार्ग पर करीब 30 किमी जाने के बाद एक लिंक रोड इस तक जाती है। बस से उतरते ही निजी वाहन मिल जाते हैं।

3 thought on “दशम जलप्रपात : चट्टानों पर गिरती 10 जलधाराएं”
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