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News Haveli, नई दिल्ली। (Silver Hallmarking) सोने के आभूषणों और कालकृतियों की तरह ही अब चांदी के आभूषणों और कलाकृतियों पर भी हॉलमार्किंग (Hallmarking) अनिवार्य करने की तैयारी है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए इसे लागू करने पर विचार करने को कहा है।

प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को बीआईएस के 78वें स्थापना दिवस समारोह में कहा, “उपभोक्ताओं की ओर से चांदी की अनिवार्य हॉलमार्किंग की मांग की जा रही है। आप (बीआईएस) इस पर विचार-विमर्श कर निर्णय ले सकते हैं।”

चांदी की हॉलमार्किंग जो इस कीमती सफेद धातु की शुद्धता को प्रमाणित करती है, वर्तमान में स्वैच्छिक है।

शुरू हो चुका है काम

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को बताया कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और सरकार हितधारकों के साथ विचार-विमर्श और बीआईएस की ओर से व्यवहार्यता आकलन पूरा होने के बाद निर्णय लेगी। उन्होंने कहा, “मैंने बीआईएस से व्यवहार्यता पर काम करने और उपभोक्ताओं एवं आभूषण डीलरों से प्रतिक्रिया लेने को कहा है। हम सभी हितधारकों से परामर्श करेंगे और प्रक्रिया शुरू करेंगे।”

लग सकता है 3 से 6 महीने का समय

महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो तीन से छह महीने के भीतर अनिवार्य चांदी हॉलमार्किंग लागू करने के लिए तैयार हो सकता है। उन्होंने कहा कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा, “हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चा हुई और वे इसके पक्ष में हैं। एक अद्वितीय छह अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड छापने पर चर्चा चल रही है।”

फिलहाल सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य

गौरतलब है कि यह कदम जून 2021 में शुरू की गई सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग के सफल कार्यान्वयन के बाद उठाया गया है जो अब 361 जिलों में लागू है। मौजूदा प्रणाली में सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए एक अद्वितीय छह-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड (HUID) का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रह्लाद जोशी के अनुसार, “अब खरीदे जा रहे स्वर्ण आभूषणों में से लगभग 90 प्रतिशत हॉलमार्क वाले हैं। लॉन्च के बाद से अब तक 44.28 करोड़ से अधिक स्वर्ण आभूषणों को विशिष्ट पहचान के साथ हॉलमार्क किया जा चुका है।” उन्होंने आगे कहा, “गुजरात, कर्नाटक और अन्य राज्यों के हितधारकों ने चांदी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का अनुरोध किया है।”

प्रह्लाद जोशी ने कहा, “जब हम भविष्य की ओर देखते हैं तो याद रखना चाहिए कि हमारी यात्रा केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए नहीं है, बल्कि नए मानक स्थापित करने के बारे में भी है। हम वैश्विक बाजार में केवल भागीदार नहीं हैं; हम गुणवत्ता की वैश्विक दुनिया में अग्रणी हैं।”

क्या है बीआईएस?

भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) देश का एक स्वायत्त राष्ट्रीय मानक निकाय है। इसकी स्था‍पना बीआईएस अधिनियम 2016 के अंतर्गत की गई है। यह उत्पादों और सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है। बीआईएस का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, चंडीगढ़ और दिल्ली में हैं। बीआईएस का काम वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन करना है। यह इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य, सिविल इंजीनियरिंग जैसे कई उद्योगों के लिए मानक तय करता है। बीआईएस उन उत्पादों और सेवाओं के प्रमाणन के लिए ज़िम्मेदार है जो इसके मानकों को पूरा करते हैं।

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