बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर छात्रों के प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है।
ढाका। बांग्लादेश पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) जारी हो गया है। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध प्राधिकरण ने शेख हसीना के अलावा 45 अन्य लोगों के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इनमें शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के शीर्ष नेता और मंत्री भी शामिल हैं। शेख हसीना पर छात्रों के प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है।
शेख हसीना ने इस समय भारत में शरण ले रखी है और अब बांग्लादेश की सरकार भारत से उनको प्रत्यर्पित करने की मांग कर सकती है। भारत यदि शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने से इनकार करता है तो दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। यह मामला दोनों देशों के राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
न्यायमूर्ति एमडी गोलाम मुर्तुजा माजुमदार की अध्यक्षता वाले प्रधिकरण ने शेख हसीन के छात्रों के आंदोलन के दौरान कथित रूप से मानवता के खिलाफ अपराध में संलग्नता के आरोप में यह वारंट जारी किया गया है। प्राधिकरण ने सरकार से कहा है कि वह शेख हसीना और 45 अन्य लोगों को गिरफ्तार करके 18 नवंबर तक पेश करे।
शेख हसीना और उनकी पार्टी के कई अन्य सदस्यों के खिलाफ आईसीटी (ICT) जांच एजेंसी ने मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। जांच एजेंसी और अभियोजन टीम पहले ही इन शिकायतों की जांच शुरू कर चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध प्राधिकरण को शेख हसीना ने ही बनाया था ताकि साल 1971 में पाकिस्तानी सेना के नरसंहार में मदद करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किया जा सके। अब इसी प्राधिकरण का इस्तेमाल करके मोहम्मद यूनुस की कार्यकारी सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करा दिया है।